नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनातनी चलती रहती है। बीते कुछ महीने से सीमा पर तनाव की स्थिति ज्यादा बनी हुई है। दोनों देशों के सैनिक हमेशा सीमा पर तैनात रहते हैं। इसी बीच भारत अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए दूसरों देशों के साथ संबंध अच्छे करने में लगा हुआ है। इसी बीच आज थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे तीन दिनों की दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए हैं। इस दौरे से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और सामरिक भागीदारी मजबूत होने की उम्मीद है। खास बात ये है कि किसी भी थलसेना प्रमुख की दक्षिण कोरिया की ये पहली यात्रा है। भारतीय सेना ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि अपने तीन दिन के दौरे पर थलसेना प्रमुख जनरल नरवणे, कोरिया के रक्षा मंत्री, चैयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी, कोरियाई सेना के प्रमुख और रक्षा खरीद प्रक्रिया से जुड़े मंत्री से मुलाकात करेंगे।
‘सिंधु-सुदर्शन’ युद्धभ्यास में के9 वज्र तोपों ने हिस्सा लिया था-
बता दें कि दक्षिण कोरिया एक शांतिप्रिय देश हो लेकिन अपने दुश्मनों को कुचलना बेहद अच्छे से जानता है। अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान जनरल नरवणे गंगवोन प्रांत के इंजे स्थित कोरियाई सेना के कॉम्बेट ट्रेनिंग सेंटर और एडवांस डिफेंस डेवलपमेंट सेंटर भी जाएंगे। दक्षिण कोरिया के हथियारों की ताकत को देखते हुए ही भारतीय सेना ने कोरिया की 100 ‘के9 वज्र’ तोपों को अपने जंगी बेड़े में शामिल किया है और अब चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात कर रखा है। पिछले साल पाकिस्तानी सीमा पर हुए ‘सिंधु-सुदर्शन’ युद्धभ्यास में इन के9 वज्र तोपों ने हिस्सा लिया था। इसके अलावा कोरिया ने भारत को एंटी-एयरक्राफ्ट गन, ‘बिहो’ देने की पेशकश की है। जिसे हान्वा कंपनी ने तैयार किया है। इस गन का इसी साल के शुरूआत में लखनऊ में हुए डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा जनरल नरवणे दक्षिण कोरिया की राजधानी, सियोल स्थित युद्ध-स्मारक जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस वॉर मेमोरियल में कोरियाई युद्ध(1950-53) में वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय सैनिकों के लिए एक अलग मेमोरियल बनाया गया है।
भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट को ‘वॉर हीरो’ के अवार्ड से नवाजा गया था-
इसके साथ ही भारतीय सेना ने कोरियाई युद्ध में शांतिदूत बनकर अपना एक मिलिट्री फील्ड-हॉस्पिटल भेजा था। ताकि युद्ध में घायल हुए सैनिकों का उपचार किया जा सके। इस सराहनीय कार्य के लिए हाल ही में कोरियाई सरकार ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल ए. जी. रंगराज को ‘वॉर हीरो’ के अवार्ड से नवाजा था।