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Eclipse 2021: मई से दिसंबर तक लगेंगे चार ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान?

Solar eclipse Eclipse 2021: मई से दिसंबर तक लगेंगे चार ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान?

वर्ष 2021 में मई से लेकर दिसंबर तक चार ग्रहण लगेंगे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण, इनमें से सबसे पहला ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है। जो कि चंद्र ग्रहण है। यह चंद्र ग्रहण इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण होगा। इसके साथ ही सूर्य ग्रहण भी इस साल लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण बहुत विशेष माना गया है। ग्रहण को ज्योतिष में एक खगोलिय घटना के तौर पर देखा जाता है। माना यह भी जाता है कि ग्रहण का असर राशियों के साथ-साथ देश और दुनिया पर भी पड़ता है।

इस दिन लगेगा चंद्र ग्रहण?

पंचांग और शास्त्रों के अनुसार इस साल दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगेगा तो दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। पंचांग में यह भी बताया गया है कि यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, एशिया और प्रशांत महासागर में भी दिखाई देगा। भारत के लिए पहला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा। लेकिन अन्य देशों के लिए यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण भी उपछाया ग्रहण होगा। जो भारत के अलावा अमेरिका, उत्तरी यूरोप, प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में भी नजर आएगा।

इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण ?

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण को पूर्ण ग्रहण नहीं माना जा रहा है। 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत केअलावा कनाडा, यूरोप, रुस, ग्रीनलैंड, एशिया और उत्तरी अमेरिका में दिखाई देगा। तो वहीं साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा। इस सूर्य ग्रहण को दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा।

सूतक काल

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस साल जो भी ग्रहण लग रहे हैं वह उपछाया ग्रहण बताए जा रहे हैं। शास्त्रो में बताया गया है कि, सूतक काल के नियम तभी मान्य होते हैं जब ग्रहण पूर्ण हो। उपछाया होने की स्थिति में सूतक काल के नियम मान्य नहीं होते हैं। मान्यता है कि सूतर काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

क्या होता है सूतक काल ?

शास्त्रों में बताया गया है कि सूतक काल एक खराब समय होता है। जिसके दौरान प्रकृति संवेदनशील हो जाती है। शास्त्रो के अनुसार मान्यता है कि ऐसे समय में कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। इस लिए सूतक काल में कुछ कार्यों करने में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

सूतक काल में इन बातों का रखें ध्यान?

1- गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि ग्रहण के समय पड़ रही किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि पहुंच सकती है
2- किसी भी शुभ कार्य को ना करें।
3- सिलाई-कढ़ाई और बुनाई का कार्य नहीं करना चाहिए।
4- सूतक काल के समय पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए।
5- सूतक के समय भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की किरणों से भोजन अशुद्ध हो जाता है।
6- सूतक के वक्त शौचालय नहीं जाना चाहिए। ऐसे शास्त्रों में कहा गया है।
7- सूतक में तुलसी को नहीं छूना चाहिए।
8- ग्रहण को कभी नंगी आंखों से ना देखें।

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