उन्होंने कहा कि सरकार अब खिलाड़ियों के लिए फंडिंग कर रही है और उन्हें मौका दे रही है जोकि अपने आप में ही बहुत अच्छा कदम है। विश्व कप में पदक जीतने वाले सभी निशानेबाजों की जसपाल ने तारीफ की लेकिन साथ ही कहा कि हम ओलंपिक की तैयारियों में अभी एक साल पीछे हैं। बता दें कि बतौर शूटर राणा ने अंतिम बार 2006 के मेलबर्न कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लिया था। इसके बाद उन्होंने शूटिंग नहीं की, लेकिन एक बार फिर उनकी इन खेलों में वापसी हो रही है।
इस बार वह वर्ल्ड कप की गोल्ड मेडलिस्ट मनु भाकर और अनीष भानवाला के कोच बनकर गोल्ड कोस्ट जा रहे हैं।राणा साफ करते हैं कि वापसी तो हो रही है, लेकिन मौका ठीक नहीं है। शूटिंग जैसे खेल का भविष्य कॉमनवेल्थ खेलों में तय होना चाहिए। इसमें शूटर कुछ नहीं कर सकते हैं। इसके लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए। वहीं एनआरएआई के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने भी कहा कि शूटिंग को कॉमनवेल्थ गेम्स में बनाए रखने के लिए उनकी ओर से प्रयास जारी है। आइएसएसएफ के जरिए सीजीएफ पर दबाव बनाया जा रहा है।