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खुदरा व्यापार को खत्म करने में जुटी ऑनलाइन विदेशी कंपनियां,विरोध

नीरज खुदरा व्यापार को खत्म करने में जुटी ऑनलाइन विदेशी कंपनियां,विरोध

वीरेंद्र पाण्डेय

लखनऊ। अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन व्यवसाय करने वाली विदेशी कंपनियां भारत के खुदरा व्यापार को खत्मकर अपना एकछत्र बाजार पर अधिकार जमाने की कोशिश बीते कई सालों से कर रही हैँ,जिसके चलते इन कंपनियों पर नियमों के उलंघन का आरोप आये दिन लगता रहता है,इतना ही नहीं आरोप तो यहां तक हैं कि इन कंपनियों को व्यापार करने के लिए जहां नियमों में छूट मिलती है,वहीं खुदरा व्यापारियों को सख्त निमयों का पालन करना पड़ता है,जिसका विरोध बीते काफी समय से व्यापारी कर रहे हैं।

इन्हीं सब कारणों के चलते खुदरा व्यापारियों ने भारत सरकार से ऑनलाइन व्यवसाय करने वाली विदेशी कंपनियों की जांच कराने की मांग की थी। इसके पीछे का कारण उन कंपनियों के मनमाने तरीके पर अंकुश लगाना तथा भारतीय खुदरा व्यापार को संरक्षण देना शामिल था।

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इसके लिए सख्त नियम बनाने को लेकर तैयारियों शुरू कर दी है। जिसके लिए सुझाव भी मांगे गये थे। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर नया नियम आ सकता है,लेकिन इन सबके बावजूद व्यवहारिक समस्याओं तथा सबके लिए व्यापार का सामान नियम हो,इस पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत बतायी जा रही है।

बताया जा रहा है कि ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजान एफडीआई के नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं। इसके पीछे इन कंपनियों का मकसद भारत में गांव तक फैले खुदरा व्यापार को खत्म करने का है। जिसके चलते प्रदेश से लेकर पूरे देश में खुदरा व्यापारी इन ऑनलाइन व्यवसाय करने वाली विदेशी कंपनियों की जांच कराने की मांग कर रहे हैं, खुदरा व्यापारियों के विरोध को देखते हुए यह कंपनियां केरल हाई कोर्ट चली गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक यह कंपनियां अपनी जांच नहीं कराना चाहती हैं।

क्या कहतें हैं व्यापारी,जनिए

आल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन के यूपी चेप्टर के प्रेसिडेंट नीरज जौहर बताते हैं कि हम ऑनलाइन के खिलाफ नहीं है,बल्कि हम ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ हैं ,जो एफडीआई के नियमों का फायदा उठा कर अनैतिक रूप से व्यापार कर रही हैं,हम ऑनलाइन के खिलाफ नहीं है,हम सभी ऑललाइन का उपयोग कर गलत तरीके से व्यापार करने वाली कंपनियों के खिलाफ हैं,इम लोगों को उन कंपनियों के गलत गतिविधियों से एतराज है। आल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन (एआईएमआरए) इसका विरोध कर रही है।

हमारी सरकार से यह मांग है

वह बताते हैं कि अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां एफडीआई के नियमों का दुरपयोग कर रही हैं,हम लोगों ने भारत सरकार से इसकी जांच की मांग की थी, जिसके बाद अमेजन तथा फ्लिपकार्ट कंपनियों की जांच का आदेश हो गया था,  भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)  को इन कंपनियों की जांच करनी थी,जोंच न हो इसके लिए यह दोनों कंपनियां केरल हाईकोर्ट चली गयी थीं,कंपनियों की अपील को केरल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। बताया जा रहा है अपील खारिज करने के बाद कोर्ट ने कंपनियों से सवाल भी पूंछा था कि जब आप ने कुछ गलत नहीं किया तो जांच से क्यों डर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा फ्लिपकार्ट

केरल हाईकोर्ट द्वारा मामला खारिज करने के बाद फ्लिपकार्ट कंपनी ने जांच न हो इसको लेकर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं आल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन लगातार इन दोनों कंपनियों की जांच कराने की मांग सरकार से कर रहा है।

श्री जौहर बताते हैँ कि जल्द ही एक नियम आने वाला है,जिसमें ऑनलाइन व्यापार के नियमों में संसोधन होने की बात सामने आ रही है,बताया जा रहा है कि आल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की थी,कि जो नया नियम ऑनलाइन व्यापार के लिए लाया जा रहा है,उसमें सभी को समान अधिकार मिले इस बात का भी ध्यान रखा जाये तो बेहतर होगा।

दूसरा सरकार से हमारा यह कहना है कि अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां गलत तरीके से ऑफर देकर माल बेंच रही हैं,लेकिन हर बार साल के अंत में अपना घाटा दिखाती हैं,इसपर सरकार को इन कंपनियों से पूंछना चाहिए कि घाटा हो रहा तो वह व्यापार कैसे कर रही हैं।

ये कहां का न्याय

व्यापारियों ने सवाल उठाया है कि कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं का जो व्यापारी व्यापार कर रहे थे,वह तो अपनी दुकाने व प्रतिष्ठान खोल रहे थे,बाकी के व्यापारी घरों में थे,जबकि कोरोना कर्फ्यू के दौरान फ्लिपकार्ट व अमेजन कंपनियां ऑनलाइन माध्यम से वस्तुयें बेंच रही थीं। जबकि इन कंपनियों के लिए भी नियम होना चाहिए कि केवल आवश्यक वस्तुओं की डिलवरी दे,अनावश्यक वस्तुओं की डिलवरी न दें। नीरज जौहर ने बताया कि इसके लिए प्रदेश सरकार से गुहार भी लगायी गयी थी,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुयी।

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