- संवाददाता, भारत खबर
पटना। चमकी बुखार ने बिहार में कोहराम मचाया हुआ है और सरकार बेचैन है अभी तक 68 बच्चों की मौत हो जाने पूरे प्रदेया में हड़कम्प मचा हुआ है, इतनी तेजी से एक ही बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या इजाफा होना इस बात का द्योतक है कि कहीं न कहीं ईलाज की व्यवस्था में चूक जरूर है।
बताया जा रहा है कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण मुजफ्फरपुर में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसमें 55 बच्चों की मौत श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई है, जबकि 11 की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है।
ये बच्चे आ रहे चपेट में:
चमीक बुखार से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है। इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जा रही है।
मुजफ्फरपुर में फैली इस बीमारी से हो रही बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है. बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है।