पटना। बेहतर वित्तीय अनुशासन के लिए सरकार सभी विभाग व जिला कार्यालयों में वित्तीय सलाहकार रखने का निर्णय कर रही है इसके पीछे सरकार की मंशा है कि विशेषज्ञों के जरिए सरकारी बजट को और भी समुचित तरीके से इस्तेमाल कर विकास कार्य किए जाएंगे।
अभी विभाग और जिला कार्यालयों में वित्त एवं लेखा संबंधी जो कार्य किए जाते हैं, उनमें गुणवत्ता की कमी रहती है। इस कारण कई तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं। सलाहकार विभाग का वित्तीय प्रबंधन, बजट निर्माण, स्कीम सूत्रण, स्कीम स्वीकृति और उसका अनुश्रवण करना, गबन, दुर्विनियोग और अधिक व्यय आदि मामलों की जांच कर वित्त विभाग को रिपोर्ट देंगे। देश के कई राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू है। महालेखाकार कार्यालय ने भी यह व्यवस्था लागू करने की सलाह दी है।
अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव को वित्तीय सलाहकार अार्थिक मामलों में सलाह देंगे। विभागों में वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासन स्थापित करेंगे। वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत आदेशों और निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे।