चंडीगढ़। पंजाब की अमरिंदर सरकार पर वादों से मुकरने के लग रहे आरोपो को लेकर राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने सफाई पेश करते हुए पूर्व की अकाली-बीजेपी सरकार पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो उन्होंने खुद बनाया था,लेकिन सत्ता छोड़ने से एक दिन पहले फूडग्रेन एजेंसियों ने 31 हजार करोड रुपये का कर्ज और उससे पहले उदय योजना के तहत पावरकॉम का 20 हजार करोड़ का कर्ज अपने ऊपर लेने संबंधी मेनिफेस्टो बनाते समय उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अकाली-बीजेपी सरकार ने जाते-जाते 31 हजार करोड़ का कर्ज पंजाब की जनता पर लाद दिया है उसे अभी केंद्र सरकार ने एक भी पैसा नहीं दिया था।
उन्होंने कहा कि अकेले फूडग्रेन के कर्ज की 270 करोड़ रुपये की किश्त के कारण सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी जो योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं। वित्तीय संकट के बावजूद हमारी सरकार ने किसानों का दो लाख रुपये तक का फसली कर्ज माफ किया है। इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली जैसे वादे पूरे किए हैं। मनप्रीत ने कहा कि वादा करने के बावजूद फूडग्रेन के 31 हजार करोड के कर्ज का ऑडिट करवाने संबंधी सवाल पर मनप्रीत बादल ने कहा कि इसकी तैयारी शुरू कर दी गई हैं। ये पूछ जाने पर कि किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली पर कैप्टन ने कहा था कि बड़े किसान अपने-अपने हिस्से की मुफ्त बिजली छोड़ दें।
इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि मैं बिजली सब्सिडी छोड़ने को तैयार हूं लेकिन इसे किस हेड में जमा करवाऊं, अभी इसकी तैयारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है। जो बड़े किसान इसे छोड़ना चाहते हैं, हम उनके लिए एक हेड बनाएं, ताकि वे अपने बिजली के बिल इसमें जमा करवा सकें। मनप्रीत बादल ने माना कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आत्महत्या करने वाले किसानों का पूरा कर्ज माफ करने संबंधी एेलान किया था। उन्होंने कहा कि किस साल को चुना जाना है, इस बारे में अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है।