- राजधानी लखनऊ में नहीं थम रही सेक्सुअल हरसमेंट की घटनाएं
केस- एक
मालथाना क्षेत्र की रहने वाली एक पीड़िता ने आरोप लगाया था बीते डेढ साल पहले वह हज़रतगंज के एक शॉपिंग मॉल में नॉकरी करने आई थी । उसने बताया कि शॉपिंग सेंटर में काम करने वाले एक युवक ने पहले उसे प्रेमजाल में फंसाया। फिर 100 रुपये के स्टैम्प पेपर पर शादी रचाकर 6 महीने तक उसका यौन शोषण किया । शादी के कुछ महीने बाद लड़ाई-झगड़ा कर मारपीट शुरू कर दी । जब पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपित ने शादी का कोई सबूत न होने की बात बोलकर उसे बेघर कर दिया। जिसके बाद महिला थाने में आरोपित पर मुकदमा दर्ज किया गया। |
केस- दो
बीते साल जुलाई 20 को सरोजनी नगर के वकील ने बाराबंकी जनपद से लखनऊ रहकर पढ़ाई करने आईं एक युवती को प्रेम जाल में फंसाकर झूठी शादी कर ली शादी के बाद वकील 3 महीने तक युवती का यौन शोषण करता रहा ।जब युवती ने वकील से परिवार वालों के साथ रहने को कहा तो वकील उसे छोड़कर भाग गया युवती ने कईबार प्रयास किया लेकिन वकील ने शादी की बात से साफ इन्कार कर दिया ।फिर तहरीर के आधार पर महिला थाने में पुलिस ने वकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया |
लखनऊ। गांव से निकलकर शहर में पढ़ने-लिखने औऱ भविष्य के सुनहरे सपने तलाश कर रही लड़कियां अक्सर शहर की चाकाचौंक और फरेब के बिछे हुए जाल में इस कदर फंस जाती है, कि मजबूरन न्याय की आस में उन्हें पुलिस थाना, चौकियों और पुलिस अधिकारियों के दफ्तर में भटकना पड़ता है ।
ये बात हम नहीं बता रहे आपको बल्कि लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस से प्राप्त आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि बीते तीन सालों में राजधानी लखनऊ के सेक्सुअल हरसमेंट थमने का नाम नहीं ले रहा है। इनमे सबसे ज़्यादा मामले लड़कियों को शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न के है। जबकि महिला थाने में हर महीने में 05 और 06 मामले सामने आते है ।
जिनमें कई मामलों में तो मुकदमा दर्ज हो जाता है, तो वहीं कुछ मामलों में परिवारिक सहमति से कानूनी शादी करवा दी जाती है । जबकि समाज मे बदनामी के डर से आज भी ऐसे तमाम मामले है जो घर की चारदीवारी में दफन है। है। जबकि महिलाओं को जागरुक करने के लिए पूरे प्रदेश में मिशन शाक्ति अभियान को चलाया जा रहा है। इसके बावजूद वह फरेब के जाल में फंस जाती है।
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस से प्राप्त आंकड़े
साल रेप पोक्सो एक्ट
2018 148 286
2019 98 234
2020 69 234
इन मामलो में कैसे हो कार्रवाई
महिला थाने की इंचार्ज शारदा चौधरी के मुताबिक, झूठी शादी रचाकर लड़कियों के साथ यौन शोषण के मामलों में काफी जद्दोजहद करना पड़ता है। असल में इन मामलों में शादी का कोई भी सबूत नही होता है। जिसके चलते किन धाराओं में कार्रवाई की जाए इसको लेकर बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर ऐसे सभी मामलो का घरेलू हिंसा व दहेज सहित यौन शोषण की धारा में ही मुकदमा दर्ज किया जाता है ।
जागरूक नहीं महिलाएं तभी मिलता है धोखा
नारी शक्ति, नारी सम्मान सेवा समिति की अध्यक्षा यास्मीन जहां ने बताया कि ऐसे मामलों में महिलाओं को जागरूकता की कमी के चलते कानून की जानकारी नही होती है । जिसके चलते युवक धोखा देते है। उनका यौन शोषण करते हैं । कहा कि महिलाओं को अपने लिए बने कानूनों की जानकारी लेकर कानूनी शादी करनी चाहिए । तभी ऐसे धोखेबाजों से बचा जा सकता है ।
पेरेन्ट्स बच्चों का लेते रहें फॉलोअप
वहीं एडीजी 1090 अंजू गुप्ता ने बताया कि अक्सर पेरेन्ट्स अपने बच्चों को नौकरी और पढ़ाई के लिए शहर भेजने के बाद उनकी गतिविधियों पर ध्यान नही देते हैं । जिसके चलते बच्चे सही गलत का फर्क नही समझ पाते हैं ।
ऐसे में पेरेन्ट्स की जिम्मेदारी है कि बच्चों को शहर भेजने के बाद वह समय- समय पर उनका फॉलोअप लेते रहना चाहिए और उनकी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए । वहीं लड़कियों को भी अपने पेरेन्ट्स से खुलकर बातचीत करनी चाहिए। न किसी पर बाहरी शख्स पर इतनी भरोसा करना चाहिए।