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शर्मनाक: प्रसव के बाद नहीं मिली महिला को एम्बुलेंस, घंटों सड़क पर पड़ी रही

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हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लापरवाई और संवेदनहीनता की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हमीरपुर जिले की मौदहा सीएचसी से एक लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल से भगा दिया गया। इतना ही नहीं महिला को घर तक छोड़ने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिली। जिससे सात घंटे तक महिला नवजात के साथ सड़क किनारे पड़ी रही। पैसे नहीं होने पर ऑटो चालक ने बीच रास्ते में जच्चा और बच्चा को नीचे उतार दिया। इस मामले को लेकर सीएमओ ने जांच कराने की बात कही है।

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खप्टिहा बांदा निवासी संतोष पांच दिन पहले अपनी ससुराल मौदहा क्षेत्र के पढ़ौरी गांव आया था। वह अपनी पत्नी का प्रसव कराने के लिए मौदहा स्थित सरकारी सीएचसी में भर्ती कराया। बताते हैं कि बीते गुरुवार को संतोष की पत्नी की डिलीवरी हुयी। जच्चा और बच्चा की अच्छी तरह से देखभाल भी नहीं की गयी। शुक्रवार को डॉक्टरों ने महिला को घर जाने के लिए छुट्टी दे दी लेकिन संतोष वहां से नहीं हटा क्योंकि उसकी पत्नी की हालत ठीक नहीं थी। शनिवार को डाक्टरों ने जबरदस्ती जच्चा और बच्चा को सीएचसी से भगा दिया। इन लोगों को एम्बुलेंस भी नहीं दी गई।

बता दें कि डॉक्टरों की इस हरकत से क्षुब्ध संतोष अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को लेकर चल पड़ा, तभी पत्नी के दर्द होने लगा। वह भागकर सीएचसी गया और कहा कि पत्नी की हालत ठीक नहीं है। मगर डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। वह रोता भी रहा। पढ़ौरी गांव जाने के लिए सीएचसी से उसे एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं करायी जा सकी। इसके लिए वह मिन्नतें भी करता रहा। बताया जाता है कि संतोष अपनी पत्नी व नवजात बच्चा सहित गांव जाने के लिये सड़क पर आया तो आटो वाले ने सभी को बैठा लिया। मगर पैसा नहीं देने पर संतोष और जच्चा बच्चा को सड़क किनारे आटो उतार दिया। यह परिवार सड़क किनारे बैठा रहा। बीती देर रात साढ़े दस बजे तक भी उसकी मदद करने कोई भी नहीं पहुंचा। जबकि वह कई बार एम्बुलेंस के लिए सीएचसी भी गया था। मीडिया के दखल के बाद इस जच्चा-बच्चा के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध करायी जा सकी।

साथ ही संतोष का कहना है कि वह पत्नी की डिलीवरी के बाद डाक्टरों ने तीसरे दिन भगा दिया था। जबकि पत्नी की स्थिति ठीक नहीं थी। उसका कहना है कि चार बार सीएचसी गया कि एम्बुलेंस से जच्चा-बच्चा को घर तक भिजवा दें। मगर किसी ने उसकी नहीं सुनी। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अनिल सचान का कहना है कि वह दो दिन से छुट्टी पर हैं। मामला संज्ञान में आ चुका है। उनका कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगे। सीएमओ डॉ सीपी कश्यप का कहना है कि सीएचसी में यदि डॉक्टरों ने कोई लापरवाही की तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उनका कहना है कि प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को एंबुलेंस से घर तक पहुंचाने की सुविधा है। यह सुविधा क्यों नहीं मिली जांच होगी।

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