श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अब कड़े सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है, जो अधिकारियों को दो साल के लिए किसी भी व्यक्ति को हिरासत में रखने में सक्षम बनाता है।
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य के विभाजन की घोषणा के बाद से नेशनल कॉन्फ्रेंस के 81 वर्षीय संरक्षक 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं।
सूत्रों ने कहा कि अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है। रविवार को अब्दुल्ला पर सख्त कानून लागू किया गया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से याचिका पर जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अदालत में पेश किया जाए। याचिका तमिलनाडु के एमडीएमके नेता वाइको द्वारा दायर की गई थी, जो अब्दुल्ला की रिहाई की मांग कर रही थी ताकि वह चेन्नई में एक कार्यक्रम में भाग ले सकें।
अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी 5 अगस्त से नजरबंद हैं।