नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली निकालने के नाम पर हुई हिंसा के बाद अब दिल्ली पुलिस एक्शन में है। इस पूरी कार्रवाई में दिल्ली पुलिस ने अब तक 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। दिल्ली पुलिस ने बीते दिन हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया। आपको बता दें कि ये सभी नेता किसान संगठनों से जुड़े हैं। सरकार संग बातचीत हो या ट्रैक्टर परेड का रुट तय करना सभी में इनकी अहम भूमिका रही है।
किसान मोर्चा ने हिंसा की निंदा की-
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान कर जारी दिल्ली हिंसा की निंदा की है। बयान में कहा गया कि संघर्षरत संगठनों ने किसानों से अपील की कि वे धरना स्थलों पर रहें और शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखें। किसान संगठनों ने इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया और असामाजिक तत्वों की निंदा की, जिन्होंने किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संगठनों ने सरकार और अन्य ताकतों को इस आंदोलन को नहीं तोड़ने देने का संकल्प लिया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने खुद को आंदोलन से अलग किया-
किसान नेता वीएम सिंह ने ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है। वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ है। ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या। उन्होंने धान की बात की क्या। उन्होंने किस चीज की बात की। हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है।
इन नेताओं के खिलाफ हुई FIR दर्ज-
दिल्ली पुलिस ने बीते दिन हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डॉण् दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया। आपको बता दें कि ये सभी नेता किसान संगठनों से जुड़े हैं। सरकार संग बातचीत हो या ट्रैक्टर परेड का रुट तय करना सभी में इनकी अहम भूमिका रही है।