लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही में संपन्न क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में योगी सरकार में शामिल कई मंत्रियों और उनकी पार्टी के सांसद व विधायकों के परिजनों ने बाजी मारी है । पंचायत चुनाव के प्रारम्भ में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने साफ कहा था कि मंत्री,सांसद,विधायक और पार्टी पदाधिकारियों के परिजनों को जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट नहीं दिया जायेगा। इसका पार्टी ने पालन भी किया।
पार्टी ने यह भी कहा था कि भाजपा के जिन पदाधिकारियों को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ना है उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा। प्रदेशभर में अधिकांश क्षेत्र व जिला टीम के पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा देकर जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और जीते भी । पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक इससे पार्टी के सांसद व विधायकों की अपने परिजनों को जिला पंचायत सदस्य बनवाने की आस धरी रह गयी। इसकी पार्टी के सांसद व विधायकों ने प्रदेश नेतृत्व के सामने शिकायत भी की । जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सम्पन्न होने के बाद भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कहा कि पार्टी के विधायक व सांसद अपने परिजनों को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा सकते हैं। इससे भाजपा विधायकों की बाछें खिल गयी।
सरकार में शामिल कई मंत्रियों के अलावा पार्टी के कई सांसद व विधायक अपने परिजनों को ब्लाक प्रमुख बनवाने में सफल रहे। एक तरफ भाजपा जहां परिवारवाद का विरोध करती है वहीं भाजपा के कई जनप्रतिनिधियों ने अपने परिजनों को ब्लाक प्रमुख बनवाकर पार्टी की साफ पर बट्टा लगाने का काम किया है ।
सबसे पहले बात करते हैं विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की। वह पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने इस बार अपने बेटे दिलीप दीक्षित को उन्नाव के हिलौली ब्लाक से ब्लाक प्रमुख बनवाया है । वहीं प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा पुराने भाजपाई हैं। वह चार बार पार्टी से विधायक रहे हैं। उन्होंने बहराईच के मिहीपुरवा ब्लाक से अपने बेटे अभिषेक वर्मा को ब्लाक प्रमुख बनवाया है। इसी तरह ग्राम विकास मंत्री मोती सिंह ने प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लाक से अपने पुत्र राजीव प्रताप सिंह को ब्लाक प्रमुख बनवाया है। इसी प्रकार श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी पुत्र वधू सविता मौर्य को रायबरेली के गौरा ब्लाक से ब्लाक प्रमुख बनवाया है।
इसी प्रकार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके वर्तमान में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अपने बेटे सुब्रत शाही को देवरिया के पथरदेवा ब्लाक से ब्लाक प्रमुख बनवाया है । वहीं पशुधन राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद अपनी बहू अनीता निषाद को पार्टी के टिकट पर ब्लाक प्रमुख बनवाने में सफल रहे । जय प्रकाश निषाद का संघ से पुराना रिश्ता है। इसके बावजूद परिवारवाद की गिरफ्त में वह आ चुके हैं। इसके अलावा भाजपा के सरधना से विधायक संगीत सोम ने सरधना से अपनी पत्नी प्रीति सोम को ब्लाक प्रमुख बनवाया है। इसी तरह बदायूं के दातागंज से विधायक राजीव कुमार सिंह ने अपने बेटे अतेन्द्र विक्रम को बदायूं के दातागंज से ब्लाक प्रमुख बनवाया है। इसके अलावा गोण्डा से सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी पुत्रवधू अरूंधती सिंह को गोण्डा के नवाबगंज से ब्लाक प्रमुख बनवाया है। यह सभी नेता पुत्र व पुत्र वधू भाजपा के टिकट पर ब्लाक प्रमुख बने हैं वह भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।