आज अंतरराष्ट्रीय मिर्गी (Epilepsy) दिवस है। मिर्गी की एक ऐसी बीमारी है। जो भारत के ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक पाई जाती है। इस बीमारी से छोटे से बच्चे से लेकर बड़े व बुजुर्गों तक में हो सकती है। मिर्गी का जीवन भर इलाज कराने के बावजूद भी इस समस्या से छुटकारा नहीं मिलता।
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) 17 नवंबर को हर साल मनाया जाता है। इन दोनों ही दिन का मकसद लोगों को एपिलेप्सी यानी मिर्गी के प्रति जागरूक करना है। विज्ञान के मुताबिक मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर यानी तंत्रिका तंत्र संबंधी एक बीमारी है। इसमें तंत्रिका कोशिका की गतिविधियों में रुकावट आने लगती है। जिसकी वजह से मरीजों को दौरा पड़ने लगता है।
वैसे तो मिर्गी को ठीक करने के लिए एंटी सीजर दवाइयां की जाती है। लेकिन कभी-कभी यह दवाइयां मरीज के ऊपर काम नहीं करती। साथ ही इन दवाइयों का कुछ साइड इफेक्ट भी होता है। अधिकतर लोग नहीं जानते कि मिर्गी को प्राकृतिक उपचारों के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं मिर्गी को ठीक करने के घरेलू उपचार
डाइट में बदलाव
खाने पीने में बदलाव के जरिए मिर्गी पर काबू पाया जा सकता है। इसके लिए आपको अपने भोजन में केटोजेनिक डायट सबसे अधिक उपयोग करना चाहिए। कीटो डाइट से कम कार्ब्स और कम प्रोटीन होता है यह डाइट प्लान फॉलो करने से मरीजों में मिर्गी के दौरे कम पड़ते हैं वहीं जिन बच्चों को मिर्गी का दौरा पड़ता है उन्हें अक्सर डॉक्टर भी केटोजेनिक डायट खाने की की सलाह देते हैं।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम की कमी की वजह से भी मिर्गी के दौरे के खतरे में पड़ सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक मैग्नीशियम सप्लीमेंट मिर्गी के लक्षण को कम करता है। ऐसी में अपने खाने की चीजों में मैग्नीशियम की मात्रा संतुलित रखना जरूरी है।
विटामिन
विटामिन शरीर को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। कुछ विटामिनों से मिर्गी के दौरे को कम करने में सहायता मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें केवल विटामिन ही मिर्गी के दौरे को कम नहीं कर सकता। ऐसे में मिर्गी के इलाज के लिए सबसे फायदेमंद विटामिन B-6 है कुछ लोगों के शरीर में सही ढंग से विटामिन B-6 नहीं बन पाता ऐसे में मिर्गी के दौरे को कम करने के लिए विटामिन B-6 सप्लीमेंट ली जा सकती है।
मिर्गी का हर्बल उपचार
वहीं मिर्गी के असर को कम करने के लिए हर्बल उपयोग भी काफी लोकप्रिय है ऐसे में कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हैं जिनके माध्यम से मिर्गी की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है मिर्गी के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियों में खास झाड़ियां, स्कलकैप प्लांट, कल्पवृक्ष, देहली, ब्राम्ही, घाटी की कुमुदिनी, अमर बेल, सफेद तेजपत्ता, पीअनी और वेलेरियन हैं. जिनके इस्तेमाल से काफी कम समय में मिर्गी से राहत मिल सकते हैं।