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लखनऊ: लोक निर्माण विभाग में इतने सालों से नहीं हुई अभियंता की नहीं हुई पदोत्रति, जानिए पूरा मामला

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग में इतने सालों से नहीं हुई अभियंता की नहीं हुई पदोत्रति, जानिए पूरा मामला

लखनऊ: सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में विचाराधीन विभिन्न वादों के कारण 3 वर्षो से उप्र लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) से अधिशासी अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है।

वर्तमान चयनवर्ष 2021-22 में अधिशासी अभियन्ता (सिविल) की कुल 366 स्वीकृत पदोंके विरूद्ध 183 से अधिक पद रिक्त है एवं चयनवर्ष 2021-22 तक कुल 219 पद रिक्त होगें। पदोन्नति हेतु शासन द्वारा महाधिवक्ता महोदय से विधिक परामर्श मांगा गया था, जिसके क्रम में महाधिवक्ता महोदय द्वारा उक्त विचाराधीन वादों के आलोक में पदोन्नति हेतु उच्च न्यायालय में लम्बित वादों का शीघ्र निस्तारण कराने हेतु प्रार्थना-पत्र प्रेषित करते हुए, उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त किये जाने और अन्तिम विकल्प के रूप में काम चलाऊ व्यवस्था के अन्तर्गत प्रभारी अधिशासी अभियंता बनाये जाने का परामर्श दिया गया है।

एसोसिएशन का मत है कि महाधिवक्ता के परामर्श के अनुरूप उच्च न्यायालय में त्वरित निस्तारण द्वारा निर्णय अथवा पदोन्नति हेतु अनुमति का निवेदन कर अधिशासी अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति किया जाना पात्र सहायक अभियंता (सिविल) के लिए न्यायोचित है।

शासन द्वारा पदोन्नति हेतु माननीय उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त करने हेतु माननीय मुख्य स्थायी अधिवक्ता को दिनांकः 30.06.2021 को पत्र प्रेषित किया गया था, जिसके क्रम में माननीय मुख्य स्थायी अधिवक्ता द्वारा दिनांक 05.07.2021 को उच्च न्यायलय में शपथ-पत्र दाखिल करने के लिये स्थायी अधिवक्ता को नामित कर दिया गया था, तत्पश्चात् 11 दिन व्यतीत होने के उपरान्त भी अभी तक शपथ-पत्र दाखिल नहीं कर पायें है।

पूर्णरूप से शासन की तरफ से शिथिलता है। अधिशासी अभियन्ता प्रभारी बनाये जाने में पदोन्नति के मूल नियमों का पालन न करते हुए प्रभारी नियुक्त किया जाना पूर्णरूप से राजकीय कार्यहित प्रणाली के विरूद्ध है। उक्त के दृष्टिगत उप्र इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा प्रभारी अधिशासी अभियंता बनाये जाने का विरोध करते हुए प्रकरण में चल रहे वाद में उच्च न्यायालय में निस्तारण कराने हेतु शासन एवं विभाग स्तर से प्रकरण में उच्च न्यायालय से पदोन्नति हेतु त्वरित आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया के क्रियान्वयन में तीव्रता लाए।

यदि न्यायालय से अंतिम आदेश पारित नहीं हो पा रहे है तो इस दशा में अंतिम निर्णय के अधीन करते हुए नियमित पदोन्नति की जाएं।इस सम्बन्ध में उप मुख्यमंत्री से उप्र इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा आज भेंट की गई।

एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा उप मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रमुख अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता स्तर-1 व 2, अधीक्षण अभियन्ता की पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

अधिशासी अभियन्ता के पद पर नियमित डीपीसी करवाने का अनुरोध किया है, जिसके क्रम में उप मुख्यमंत्री ने नियमित डीपीसी ही कराने हेतु आश्वस्त किया है। संवर्ग के हितों को दृष्टिगत रखते हुए एसोसिएशन उप मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत और अभिनंदन करती है।

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