जयपुर। केन्द्र सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने की कवायद में लगातार योजनाएं बनाने में लगी है। जिसके चलते वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सरकार की कोशिश के लिए देश में आक्षरता का प्रतिशत तो बढ़े ही इसके साथ शिक्षा रोजगार परक भी हो। इसलिए केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कई योजनाओं को मंजूरी दे कर इस प्रोजेक्टों पर विभाग की ओर से पूरा करने के लिए बड़ा प्रयास किया है।
हाल में जयपुर में दो दिवसीय इंटरनेशनल फेस्टिवल आफॅ एजुकेशन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए जावड़ेकर ने कहा कि आजादी के समय देश में 18 प्रतिशत साक्षरता का प्रतिशत था जो की मौजूदा समय में 80 फीसदी तक पहुंच गया है। सरकार नई शिक्षा नीति को लागू कर सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के प्रयास में लगी है। विद्यार्थियों में शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा लाने के लिए सरकार जल्द ही फिर से 5 वी और 8 वी में परीक्षाएं शुरू करने का फैसला कर चुकी है। इसके चलते 9 वीं कक्षा में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों पर लगाम लगाने में बड़ी मदद मिलेगी । सरकार के इस प्रस्ताव पर 24 राज्यों ने अपनी सहमति जताई है।
सरकार की नई शिक्षा नीति पढाई के साथ सीखने पर भी जोर दे रही है। हमारा मकसद है रोजगार परक शिक्षा की ओर लेजाने का जिसे शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ें। सरकार हर स्तर पर छात्रों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। सरकार इसके साथ ही निरक्षर व्यक्तियों को साक्षरता के अभियान में जोड़ने की कवायद का जिम्मा भी अब छात्रों को देने की फिराक में है। जिसके बाद अब सरकार का मानना है कि हर छात्र अपने आस-पास के लोगों को साक्षर करेगा तो उनका मनोबल भी बढ़ेगा और निरक्षर से साक्षर बने व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव आयेगा। इसके साथ ही आने वाले 5 सालों में सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों का मुकाबला करने के लिए व्यवस्थाओं में व्याप्क बदलाव किए जायेंगे।