देहरादून। अब जलागम प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर पर्यटन को नई दिशा देने की कवायद शुरू हो गई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस बारे में आने वाले दिनों में विभाग द्वारा कई नए पर्यटन के श्रोतों को तैयार करने की बात कही है। कृषि को पर्यटन के धरातल पर उतारने का ये एक बड़ा लक्ष्य मंत्री सतपाल महाराज ने तय करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने की बात कही है।
देवभूमि उत्तराखंड पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र बना है। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यहां का माहौल बेहतर है। लेकिन अब यहां पर कई नए डेस्टिनेशन तैयार किए जा रहे हैं। अब इसमें किसानों और पर्वतीय इलाकों की खेती और उपज को भी जोड़ने का प्रयास विभाग कर रहा है। सूबे के कैबिनेट मंत्री और पर्यटन विभाग के अॉल इन ऑल सतपाल महाराज ने इस बारे में जानकारी देते हुए विस्तार से बताया।
जलागम प्रबंधन विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर विकसित करेंगे नए डेस्टिनेशन
जलागम प्रबंधन विभाग पहाड़ के जलों का समागम कर प्रबंधन करना चाहता है। जिसको वह पहाड़ी इलाके के गांवों में उपयोग के लिए लाने का काम कर रहा है। इस संदर्भ में पर्यटन विभाग के पहल से उन गांवों में कृषि और उपज से जुड़े टूरिज्म को बढ़ावा देने की कवायद हो रही है। जैसे कहीं लहसुन और प्याज बहुतायत में होता है तो उनसे जुड़े पदार्थों का फेस्टिवल किया जाए। कहीं अदरक होता है तो उनसे बनने वाली वस्तुओं को बनाकर उनका फेस्टिवल किया जाए। जिससे लोग भी आएंगे उत्पाद भी बिकेंगे। इसके साथ पहाड़ की इन वस्तुओं को लोग जान पाएंगे। इससे सीधा लाभ किसानों को होगा।
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उत्तराखंड में घी और शहद काफी मात्रा में और बहुत ही अच्छा होता है। जोशीमठ के आस-पास के इलाके में घी बहुतायत में होता है। वहां की गाय प्राकृतिक चरागाहों में चरती है। जहां पर वो औषधियों से युक्त चारा खाती है। उनके घी में कई औषधीए गुण पाए गए हैं। वहां पर एकदम पीले रंग का घी मिलता है। इस तरह इन सबके प्रचार के लिए और सीधा किसानों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग इन जगहों को चिन्हित कर यहां पर एक वृहद कार्य योजना के तहत फेस्टिवल का आयोजन करने के क्रम में है।
जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का लक्ष्य है, कि किसानों की आय 2022 तक दूना करने का हम उसी लक्ष्य को तय करने के लिए अग्रसर हो चुके हैं। इसके लिए पूरी कार्य योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही इसके परिणाम दिखेंगे।