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DU, IIT मद्रास और खड़गपुर को उत्कृष्ट संस्थान के दर्जे की सिफारिस UGC ने की

ugc net DU, IIT मद्रास और खड़गपुर को उत्कृष्ट संस्थान के दर्जे की सिफारिस UGC ने की

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट संस्थान (आईओई) के दर्जे के लिये दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, खड़गपुर और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नाम की सिफारिश की है।

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय और चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय के नाम की सिफारिश पर संबंधित राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। छह अन्य को उत्कृष्ट दर्जे के लिये आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है। यह फैसला यूजीसी की एक बैठक में किया गया जिसमें अधिकारप्राप्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श किया गया।

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आईओई का दर्जा देने के लिये जिन संस्थानों के नाम की सिफारिश की गयी है उनमें डीयू, बीएचयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास एवं खड़गपुर के नाम शामिल हैं। जादवपुर विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय को आईओई दर्जा देने के संबंध में तभी विचार किया जायेगा जब संबंधित राज्य सरकारें 50 प्रतिशत तक कोष आवंटित करने के बारे में आधिकारिक पत्र भेजेंगी।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘जिन निजी संस्थानों ने एलओआई जारी करने से संबंधित सूची में जगह बनायी है उनमें अमृता विद्यापीठम, वीआईटी वेल्लोर, जामिया हमदर्द, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, शिव नाडर विश्वविद्यालय और ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के नाम शामिल हैं। वहीं, ग्रीनफील्ड श्रेणी (ऐसे संस्थान जिनकी स्थापना की जानी है) में सत्य भारती फाउंडेशन के भारती इंस्टीट्यूट के नाम की सिफारिश की गयी है।’’

आईओई दर्जा सूची में अपनी जगह बनाने में जो विश्वविद्यालय नाकाम रहे उनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), अशोका विश्वविद्यालय, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, असम का तेजपुर विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय और गांधीनगर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के नाम शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने उत्कृष्ट दर्जे के लिये 15 सरकारी संस्थानों और इतने ही निजी संस्थानों को सूचीबद्ध किया। योजना के तहत हर श्रेणी में सिर्फ 10 संस्थानों को इसका लाभ दिया जाता है। यूजीसी का विचार था कि चूंकि योजना का जोर वैश्विक रैंकिंग के लिये संस्थानों को तैयार करना है, इसलिए किसी भी मौजूदा संस्थान जिसे वैश्विक या राष्ट्रीय रैंकिंग में शामिल नहीं किया गया है, की आईओई दर्जे के लिये अनुशंसा की जायेगी।

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