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सोशल मीडिया पर पर विवादों में घिरी छपाक, एसिड डालने वाले का नाम बदलने पर बवाल

छपाक सोशल मीडिया पर पर विवादों में घिरी छपाक, एसिड डालने वाले का नाम बदलने पर बवाल

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा पीड़ित वाम समर्थक छात्रों से मिलने के लिए दीपिका पादुकोण का पहुंचना सोशल मीडिया पर तूफान का सबब बन गया है। खासकर ट्विटर पर उनकी फिल्म ‘छपाक’ कंट्रोवर्सी में आ गई है। #boycottchhapaak ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना हुआ है और लोग दीपिका को ट्रोल कर रहे हैं कि जब लक्ष्मी अग्रवाल पर नदीम खान नामक शख्स ने तेजाब फेंका था तो उनकी बायॉपिक ‘छपाक’ में उस कैरेक्टर का नाम क्यों बदल दिया गया। सोशल मीडिया पर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि नदीम के कैरेक्टर का नाम फिल्म में राजेश  है। दरअसल, ‘छपाक’ एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की ही कहानी है।

इन दिनों दीपिका दो दिन बाद रिलीज होने वाली अपनी फिल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन में बिजी हैं। मंगलवार देर शाम वह जेएनयू में आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुंची थीं। वहां वह जेएनयू में हिंसा के खिलाफ आंदलोन पर बैठे छात्रों से मिलीं और 10 मिनट तक रुकने के बाद निकल गईं। इस दौरान उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। दीपिका जब जेएनयू में थीं तो सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी वहीं मौजूद थे। दीपिका ने जेएनयू से निकलने से पहले वाम छात्र संगठनों के कुछ सदस्यों से बात भी की। इसी बात को लेकर वह सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के निशाने पर आ गईं। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अगर उन्हें हिंसा के खिलाफ समर्थन देना था तो फिर हिंसा के शिकार एबीवीपी के छात्रों से भी मिलना चाहिए था।

सोशल मीडिया पर दीपिका के जेएनयू जाने को लेकर लोग बंटे हुए नजर आए। कुछ लोग दीपिका के विरोध में तो कुछ समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। यह भी मुद्दा बन गया कि जब यह फिल्म लक्ष्मी अग्रवाल की बायॉपिक है तो फिर एसिड फेंकने वाले नदीम खान का नाम बदलकर एक हिन्दू के नाम पर क्यों रखा गया। यूजर्स का कहना है कि जब यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है तो इस फिल्म में लक्ष्मी अग्रवाल पर एसिड फेंकने वाले शख्स का नाम बदला तो ठीक है लेकिन उसको हिंदू क्यों दिखाया गया है। इस फिल्म में दीपिका के कैरेक्टर का नाम भी लक्ष्मी से बदलकर मालती कर दिया गया है।

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