लखनऊ। अजंली फ़िल्म प्रोडक्शन एवं सिटीसीएस फैमिली द्वारा चल रहे डिजिटल उत्सव सीज़न दो का सोमवार को दूसरा दिन था। डिजिटल उत्सव का दूसरा दिन कोविड एवं उससे उभरकर सामना करने एवं प्राकृतिक संरक्षण पर आधारित रहा।
इसके साथ ही मनोरंजन का भी दर्शको में जमकर लुत्फ उठाया। अंजली फ़िल्म प्रोडक्शन के फेसबुक पेज पर लाइव चल रहे डिजिटल उत्सव का दर्शकों को खूब प्यार मिल रहा है।
मेक माई ट्यूशन एवं यूथ होस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया तुलसीपुर इकाई के सहयोग से चल रहे डिजिटल उत्सव के दूसरे दिन भी अलग अलग प्रदेशो एवं यूपी के शहरों से कलाकारों में कला प्रदर्शन किया।
डिजिटल उत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ करते हुए बिहार के दरभंगा से कुमारी वैष्णवी ने भावविभोर प्रस्तुति दी। इसके बाद कर्नाटक बैंगलोर से शिखा जैन ने कोरोना पर आधारित कविता “कभी सोचा न था ऐसा वक्त भी आएगा,प्रियजनों से मिलने को जब जी कतरायेगा शीर्षक एवं वातावरण संरक्षण पर आधारित कविता प्रकृति एवं ऑनलाइन शिक्षा पद्धति पर आधारित कविता “बच्चों का भविष्य” दर्शकों को सुनाया।
यूपी बाराबंकी से ज्योति रावत ने घर मे पधारो गजांनद जी, गली में आज चांद निकला सहित बॉलीवुड के कई श्रंगार रस के गीत प्रस्तुत किये।
बाराबंकी से ही ऐमन जावेद फारूकी ने ओ मेरे दिल के चैन,तुझसे नाराज़ नही ज़िन्दगी,हम तेरे शहर में आएं है सहित कई पुराने नगमे पेश किए। ए मेरे वतन के लोगो ज़रा आँख में भर लो पानी सुनाया तो दर्शकों की आँखें नम हो गई।
अदिति वर्मा ने भक्ति गीत से शुरुआत करके दर्शकों में भक्ति भावना जागृत की। लखनऊ की बाल कथक कलाकार अंशिका राय ने शृंगार को रहने दो, मोरी झनक झनक बाजे पायलिया इत्यादि गानों पर कथक मिक्स की प्रस्तुति दी।
अभिषेक राजपूत ने स्वस्थ रहो मस्त रहो 100 साल जीते रहो शीर्षक कविता दर्शकों को सुनाई। उभरते हुए कलाकार आकर्षित सिंह सूर्यवंशी ने मैं जिस दिन भुला दूं बेवफा तेरा मासूम चेहरा जब दीप जले आना प्रस्तुति दी ।
यूपी के रायबरेली से उदय प्रताप सिंह एवं कुमकुम साहू ने हारमोनियम एवं तबले की थाप पर शिक्षा हो मन मे तो धन मिले अपार,तोरा मन दर्पण कहलाये,ज़रा देर ठहरो राम तम्मना यही है सहित कई सुखद भजनों को डुएट में गाकर सुनाया।