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खुशखबरी: चार धाम यात्रा से हटी रोक, दर्शनों के लिए नियमों का पालन करना जरूरी, आरटीपीसीआर रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरूरी

chardham yatra prasad खुशखबरी: चार धाम यात्रा से हटी रोक, दर्शनों के लिए नियमों का पालन करना जरूरी, आरटीपीसीआर रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरूरी

हाई कोर्ट ने राज्य की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा ली है। साथ ही प्रतिबंधों के साथ यात्रा शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह साफ किया है कि यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए सरकार पुख्ता इंतज़ाम करे।

नियमों का पालन करना जरूरी

किसी भी श्रद्धालु को चारधाम के कुंड में स्नान करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही हेलीकॉप्टर से यात्रा करने तथा सेवा कार्य करने वाले एनजीओ को जिलाधिकारी से अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। हाईकोर्ट ने बद्रीनाथ धाम में 1200, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 लोगों को जाने की अनुमति दी है।

कोर्ट ने दिए ये जरूरी निर्देश

चारधाम यात्रा में प्रत्येक दिन बदरीनाथ धाम में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 तथा यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को ही अनुमति होगी। श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट तथा जिनको वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, उन्हें वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।

पुलिस बल और मेडिकल सुविधा मौजूद

चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में यात्रा के दौरान जरुरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाएं। सरकार चारों धामो में मेडिकल की पूर्ण सुविधा मुहैया कराए। जैसे मेडिकल स्टाफ, नर्स, डॉक्टर, आक्सीजन बेड व वेंटीलेटर आदि। यात्रा के दौरान सरकार मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे, जिससे जरूरतमंदों को सुविधाओं के बारे में आसानी से पता चल सके।

चारों धामो में बने चेक पोस्ट

श्रद्धालुओं की कोविड व वैक्सीनेशन रिपोर्ट जांच के लिए चारों धामो में चेक पोस्ट बनाएं। बदरीनाथ में पांच व केदारनाथ में तीन चेक पोस्ट हों। भविष्य में अगर कोविड के केस बढ़ते हैं तो सरकार यात्रा को स्थगित कर सकती है। जहां-तहां थूकने पर प्रतिबंध लगाते हुए एंटी स्पीटिंग एक्ट को चारों धामो में प्रभावी किया जाए। तीनों जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यात्रा की मॉनिटरिंग करेंगे और उसकी रिपोर्ट हर सप्ताह कोर्ट में देंगे। जिलाधिकारी यात्रा को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों व गैर सरकारी संगठनों की मदद ले सकते हैं लेकिन एनजीओ सही व जिम्मेदार होने चाहिए। चारधाम यात्रा मार्ग में जगह-जगह सुलभ शौचालय बनाए जाएं।

कोरोना के कारण लगी थी रोक

गौरतलब है कि कोरोना की वजह से चार धाम यात्रा पर अब तक रोक लगी हुई थी। इससे पहले कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पूर्ण पालन कराने से लेकर चार धाम की लाइव स्ट्रीमिंग तक, सभी इंतजाम दुरुस्त होने पर ही यात्रा को मंजूरी दी जाएगी। कोर्ट का कहना था कि सरकार की आधी-अधूरी तैयारी का खामियाजा पर्यटन से जुड़े लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि अब हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा को मंजूरी दे दी है।

 

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पर्यटन विभाग को हो रहा था भारी नुकसान

पिछले दो साल से बंद चार धाम यात्रा की वजह से कारोबारियों और पर्यटन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। इसे लेकर व्यापारी सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं बद्रीनाथ धाम में साधु संत भी सरकार के खिलाफ पिछले 14 दिन से अनशन पर थे और मंदिर दर्शन की मांग कर रहें थे। चार धाम यात्रा को हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद अब व्यापारियों और साधुओं में खुशी का माहौल है।

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