हमारे देश में दशहरे के दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं। लेकिन भारत में कई जगह ऐसी भी हैं जहां रावण को भगवान मानकर पूजा जाता है। यहां रावण के पुतले को जलाना महापाप माना जाता है।
रावण का पुतला जलाना ‘महापाप’ बराबर
कल यानी शुक्रवार को दशहरा का त्योहारा मनाया जाएगा। हमारे देश में इस दिन रावण के पुतले भी जलाया जाता है। लेकिन भारत में कई जगह ऐसी भी हैं जहां रावण को भगवान मानकर पूजा जाता है। यहां रावण के पुतले को जलाना महापाप माना जाता है। जी हां भारत में ऐसी कई जगह हैं जहां पर रावण को भगवान मानकर उनकी पूजा की जाती है।
कर्नाटक में होता है लंकेश्वर महोत्सव
इन्हीं जगहों में से एक जगह दक्षिण भारत के कर्नाटक में है। यहां कोलार नमक एक जगह है, जहां हर साल रावण पर एक महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव का नाम लंकेश्वर महोत्सव होता है। इस दिन रावण की प्रतिमा को रथ पर रख कर उसका जलूस निकालते हैं। यहां पर रावण का एक बहुत बड़ा मंदिर भी है।
पहले होती है रावण की पूजा फिर होता है दहन
उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी रावण को पूजा जाता है। यहां पर रावण के नाम से एक मंदिर भी स्थापित है जिसका नाम दशानन मंदिर है। यह मंदिर साल में एक बार ही यानी दशहरे के दिन ही खुलता है और पुरे साल बंद रहता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पहले रावण की पूजा की जाती है और उसके बाद रावण दहन होता है। यह मंदिर कानपुर के शिवाला मार्केट में बने छिन्नमस्तिका मंदिर के अंदर ही बना हुआ है।
विदिशा में रावण का विशाल मंदिर
मध्य प्रदेश में भी रावण की पूजा-अर्चना की जाती है। नगर विदिशा से सटे एक गांव में रावण को भगवान मन जाता है। इस जगह के नाम मंदसौर है। खानपुरा क्षेत्र के नज़दीक रावण रुण्डीव नाम का एक स्थान है यहां पर रावण का एक विशाल मंदिर है और इस मंदिर में रावण की प्रतिमा भी है। बताया जाता है कि रावण की रानी मंदोदरी यहीं की रहने वाली थी। इसलिए यहां रावण दामाद माना जाता है और पूजा जाता है।