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कामिका एकादशी आज, ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, ये है पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

ekadashi कामिका एकादशी आज, ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, ये है पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

सावन मास की पहली एकादशी कामिका एकादशी होती है। यह सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इस साल कामिका एकादशी 4 अगस्त यानि आज है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।

इस दिन भगवान श्री हरि की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसी कहवात है कि भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं। और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

भगवान विष्णु को करें प्रसन्न  

कामिका एकादशी के दिन पूजा के आखिरी में भगवान विष्णु की आरती अवश्य करनी चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि पूजा के बाद आरती करने से जो विधि-विधान में कमी होती है वह पूरी हो जाती है। और उसका पूरा फल मिलता है।

कामिका एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त 

उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष कामिका एकादशी का व्रत 4 अगस्त को रखा जाएगा। 5 अगस्त दिन गुरुवार को द्वादशी तिथि शाम को 5 बजकर 9 मिनट तक    रहेगी। ऐसे में आप द्वादशी में किसी भी समय पारण कर सकते हैं।  लेकिन व्रत पारण के लिए अति शुभ समय सुबह 5 बजकर 45 मिनट से सुबह 8 बजकर 26 मिनट के बीच रहेगा

पूजा करने की विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
एकादशी के दिन व्रत भी रखें और भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रहे कि सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।
ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

कामिका एकादशी की व्रत कथा

प्राचीन काल में एक गांव में पहलवान रहता था। पहलवान बहुत क्रोधी स्वभाव का था। एक दिन पहलवान का एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया। क्रोधवश पहलवान ने ब्राह्मण की हत्या कर दी। इससे पहलवान पर ब्रह्म हत्या का पाप लग गया। ब्राह्मण की हत्या का दोषी मानकर पहलवान का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। पहलवान को अपनी गलती का अहसास हुआ और वो इसका प्रायश्चित करना चाहता था। एक दिन उसने एक साधु से पापों को दूर करने का उपाय पूछा। तब साधु ने पहलवान को कामिका एकादशी करने का व्रत करने की सलाह दी। साधु के कहने पर पहलवान ने कामिका एकादशी व्रत का विधि विधान से पूरा किया। एकादशी की रात पहलवान भगवान विष्णु की मूर्ति के पास सो रहा था। तभी अचानक से उसे सपने में भगवान विष्णु के दर्शन हुए। उन्होंने पहलवान से कहा कि वो उसकी भक्ति और प्रायश्चित करने की सच्ची भावना को देखकर प्रसन्न हैं। इसके बाद भगवान विष्णु ने उसे ब्राह्मण हत्या के दोष से मुक्त कर दिया।

 

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