सर्वपितृ अमावस्या पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है। जिसे विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता हैं। ये प्रत्येक वर्ष अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन होती है। और इस वर्ष यह तिथि 6 अक्टूबर 2021 के दिन बुधवार यानी आज है। श्राद्ध पक्ष में इस दिन का बहुत महत्व है, इस दिन उन सभी परिजनों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती। इस वर्ष आश्विन मास की अमावस्या तिथि को पड़ने वाली सर्व पितृ अमावस्या पर विशेष योग बन रहा है।
गजछाया योग-
अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला सर्वपितृ अमावस्या पर एक बार विशेष योग बन रहा है। इस साल इस तिथि पर गजछाया योग बन रहा है। यह विशेष योग करीब 11 वर्ष बाद बन रहा है। यह विशेष योग इससे पहले 2010 में बन था। सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर गजछाया योग अत्यंत शुभकारी माना जाता है। आज की तिथि यानी 06 अक्टूबर 2021 सूर्योदय से लेकर शाम 4:34 तक हस्त नक्षत्र रहेगा। सूर्य चंद्रमा की स्थिति के कारण गजछाया योग बन रहा है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष योग में श्राद्ध व तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही मान्यता यह भी है इस गजछाया योग में श्राद्ध और दान करने से पितरों की क्षुधा अगले 12 सालों के लिए शांत हो जाते हैं।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन कैसे करें पितरों को प्रसन्न-
इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने के लिए गजछाया योग बन रहा है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करते वक्त घी से बनी हुई चीजों का दान करें। मान्यता है कि इस विशेष योग में श्राद्ध व तर्पण करने से पितरों की क्षुधा 12 वर्ष के लिए शांत हो जाते हैं व पितर प्रसन्न होते हैं। इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन वस्त्र और दान करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं।