बता दें कि कल नवपत्रिका पूजा की जायेगी, इस दिन सुबह के समय नौ तरह की पत्तियों का गुच्छे को मिलाकर दुर्गा आह्वान किया जाता है। बता दें कि दुर्गा पूजा का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है और हर दिन इसका अलग-अलग महत्व होता है।
बंगाली लोग करते हैं 10 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा
एक तरफ जहां हिंदू नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वरूप की पूजा की जाती है, वहीं बंगाली लोग 10 दिन तक मां दुर्गा की ही पूजा करते हैं। आपको बता दें कि इस बार नवपत्रिका पूजा कल की जायेगी।
पूजा का नियम
महासप्तमी के दिन एक साथ नौ पौधों के पवित्र स्नान के साथ शुरू होता है, नौ पौधों की पूजा को नवपत्रिका कहा जाता है।
नौ तरह की पत्तियों या फिर पौधों को पीले रंग के धागे के साथ सफेद अपराजिता पौधों की टहनियों से बांधा दिया जाता है। इसके बाद फिर इन नौ पौधों को एक साथ जोड़कर देवी दुर्गा के नौ स्वरुपों का ध्यान किया जाता है।
नवपत्रिका को भगवान गणेश की पत्नी का रुप माान जाता है
बता दे कि नहाने के बाद, नवपत्रिका को लाल रंग की बॉर्डर वाली सफेद साड़ी से सजाया जाता है और पत्तियों पर सिंदूर का लेप किया जाता है। इसके बाद उसे एक सजे हुए आसन पर विराजमान किया जाता है।
उसके बाद फूल, चंदन का लेप और अगरबत्ती से पूजा की जाती है, इसके बाद नवपत्रिका को भगवान गणेश की मूर्ति के दाहिनी तरफ रखा जाता है। ऐसा इसलिये किया जाता है कि क्योंकि उन्हें भगवान गणेश की पत्नी के रूप में जाना जाता है।
नव’ शब्द नौ का प्रतीक
आपको बता दें कि नव’ शब्द नौ का प्रतीक है और ‘पत्रिका’ का अर्थ है पौधा, नवपत्रिका कल्याण, शांति और खुशी देने के साथ-साथ मानव जीवन का भी प्रतिनिधित्व करता है।