11 सितम्बर 2021 को आज ऋषि पंचमी रखा जायेगा। बता दें कि इस व्रत का अपना ही एक अलग महत्व है। इस व्रत से जुड़ी एक कथा के बारे में भी है हम आपको बताने जा रहे हैं
व्रत कथा- इस व्रत को लेकर भविष्यपुराण में कहा गया है कि प्राचीनकाल में एक उत्तक नाम का ब्राह्मण था जो अपनी पत्नी सुशीला के साथ रहता था। उसके एक बेटा और एक बेटी थी। और दोनों की ही शादी की उम्र थी।
उत्तक ब्राह्मण ने सुयोग्य वर ढूंढकर अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ कर दिया। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद उसके पति की अकाल मृत्यु हो गई। इसके बाद उसकी पुत्री अपने मायके में पिता के पास वापस रहने के लिये आ गयी। कहते हैं कि एक दिन लड़की अकेले सो रही थी, और उसकी मां ने देखा कि उसकी बेटी के शरीर पर ही कई प्रकार के कीड़े हैं। अपनी बेटी की ऐसी हालत में देखकर उसकी मां दुखी हो गई। उसने अपने पति को बुलाया और कहा कि हमारी बेटी की ये कैसे हालत हो गयी। इसने ऐसा कौन सा पाप किया था जो उसको ऐसा दिन देखना पड़ रहा है।
उत्तक ब्राह्मण ने ध्यान लगाने के बाद देखा कि पूर्वजन्म में उनकी पुत्री किसी ब्राह्मण की पुत्री थी, लेकिन रजस्वला के दिनों में उसने पूजा के बर्तन छू लिए थे और इस पाप से मुक्ति के लिए ऋषि पंचमी का व्रत भी नहीं किया था। इस वजह से इस जन्म में इसके शरीर पर कीड़े पड़ गए। फिर पिता के कहने पर पुत्री ने पूरे विधि विधान के साथ ऋषि पंचमी का व्रत किया और तब जाकर उसे इस पाप से मुक्ति मिली।