आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
हिन्दू मास एवं वर्ष
अशुभ मुहूर्त
शनिदेव मंत्र
तांत्रिक मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
शनिदेव को ऐसे किया जाता है प्रसन्न
शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है। इस लिए इनकी पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करते समय व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। शनिदेव की पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। शनिदेव की पूजा में काले या नीले रंग की वस्तुओं का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। साथ ही शनिदेव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए। लेकिन याद रखें कि शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं। चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों। इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं। मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है।