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ढाका जनसंहार : जिन्हें कुरान की आयतें याद नहीं थीं, उन्हें मिली मौत

Dhaka 1 ढाका जनसंहार : जिन्हें कुरान की आयतें याद नहीं थीं, उन्हें मिली मौत

ढाका। हथियारों से लैस आतंकी ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगा रहे थे और एक लोकप्रिय रेस्तरां में बंधक बनाए गए लोगों से कुरान की आयतें सुनाने के लिए कह रहे थे। उनका मकसद सिर्फ यह जानना था कि उनमें मुसलमान कौन हैं? उन्होंने गैर मुसलमानों को हत्या कर दी। दुनिया को सदमे में डाल देने वाले बांग्लादेश में आतंकी हमले की उस घटना के कई प्रत्यक्षदर्शियों में से एक ने यह जानकारी दी । आतंकियों ने 20 बंधकों की हत्या कर दी है।

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समाचारपत्र ‘डेली स्टार’ ने एक बंधक के पिता के हवाले से कहा है, “जिन आतंकियों ने होली आर्टिसन बेकरी पर हमला किया था, उन लोगों ने बंधक बनाए गए लोगों की धार्मिक पहचान की जांच की थी। इसके लिए उन लोगों ने उनसे कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कहा था।”

यह बेकरी बांग्लादेश की राजधानी के राजनयिकों वाले इलाके गुलशन क्षेत्र में स्थित है जो उच्च सुरक्षा वाला इलाका है। यह बेकरी विदेशियों के लिए आपस में मिलने-जुलने की स्थायी जगह है।

बंधक हसनात करीम के पिता रिजाउल करीम ने कहा, “बंधकों में जो मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान की आयतें पढ़कर सुना दी, उन्हें छोड़ दिया गया।” अखबार के अनुसार, “दूसरों को बंदूकधारियों ने प्रताड़ित किया।”

हसनात वहां अपनी 13 साल की बेटी का जन्मदिन मनाने पत्नी शर्मिन परवीन एवं आठ साल के बेटे रेयान के साथ गया था। इस परिवार को शनिवार की सुबह बचाया गया। रिजाउल ने अपने बेटे के हवाले से कहा, “आतंकियों ने बांग्लादेशी नागरिकों के साथ खराब व्यवहार नहीं किया और उस सबको रात का खाना खिलाया।”

उसने कहा कि आतंकियों ने शुक्रवार की रात 11 बजे तक वहां खा रहे सभी विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी थी। अंत तक पांच आतंकियों को गोली लगी थी संभवत: मारे गए। हसनात की मां ने ‘बांग्लादेश न्यूज 24’ से कहा कि उनकी बहू के साथ आतंकियों ने अच्छा व्यवहार किया, क्योंकि वह हिजाब पहने थी।

कुछ अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने आतंकियों को देखा था। उनमें एक बड़ी तलवार लिए हुए था। दूसरे बड़ी मैगजीन वाली छोटी बंदूकें लिए हुए थे और वे उस रेस्तरां में छापेमारी कर रहे थे।

भागने में कामयाब रहे रेस्तरां की देखभाल करने वाले सुमन रेजा बांग्लादेश न्यूज 24 से कहा, “उन लोगों ने रास्ते में चिल्लाकर अल्लाहु अकबर कहा और अंदर बैठे लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। उनमें कई विदेशी थे।”

रेस्तरां में 50 कर्मचारी हैं लेकिन जब हमला हुआ तो केवल 20 मौजूद थे। भागने में कामयाब रहे बेकरी के रसोई गृह के एक कर्मचारी ने कहा कि मुख्य सेफ भी बंधकों में शामिल था। आतंकियों ने भय फैलाने के लिए कई देसी बम फोड़े।

सोशल मीडिया में बेकरी के अंदर की भयानक तस्वीरें सामने आई हैं। टूटे हुए फर्नीचर के साथ हर तरफ खून बिखरा है।

(आईएएनएस)

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