नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर पर केवल एक माह में 200 गार्डर खड़े करने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने गुरूवार को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से एक प्रमाण पत्र दिया गया है।
डीएमआरसी ने मई 2016 के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा कोरिडोर पर 200 यू गार्डर खड़े करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। यह एक माह के अंदर किसी मेट्रो कॉरिडोर में अब तक खड़े किए गए गर्डर की अधिकतम संख्या है। डीएमआरसी ने गार्डर को ले जाने के लिए 6 विशेष ट्रेलर और लगभग 400 टन क्षमता वाली 6 विशेष क्रेन का उपयोग किया जिससे 27 मीटर लंबे और 5.05 मीटर चौड़े यू गार्डर खड़े करने का कार्य पूरा किया गया।
इन सभी यू गार्डरों को नोएडा के सेक्टर 149 तथा ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन में दो ढलाई यार्ड में पहले से तैयार किया गया था और प्रत्येक का वजन लगभग 153 टन था। इन 200 यू गार्डरों से लगभग 2.7 किलोमीटर लम्बे दोहरे मेट्रो एलिवेटिड वाय डक्ट बनाये गए। इस पूरे कोरिडोर के लिए कुल 2002 यू -गार्डर खड़े किए जाने हैं ।
नोएडा – ग्रेटर नोएडा कोरिडोर की लंबाई लगभग 30 कि. मी. हैं और इस पूरी तरह एलिवेटिड कोरिडोर पर 21 स्टेशन हैं। यह कोरिडोर स्टैंडर्ड गेज पर हैं और यह डेडिकेटिड रेल फ्रेट कोरिडोर के नीचे से गुजरता है। यह 21 मीटर पर यमुना – आगरा फ्लाई ओवर के ऊपर से भी गुजरता है, जो नॉलेज पार्क – 2 मेट्रो स्टेशन के नजदीक कोरिडोर का सबसे ऊंचा हिस्सा है। इस कोरिडोर के सभी स्टेशनों में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर, जल संचय की सुविधा और सौर पैनल होंगे।
नोएडा – ग्रेटर नोएडा कोरिडोर को भविष्य में बनने वाले नोएडा सिटी सेंटर के साथ सेक्टर 62 मेट्रो कोरिडोर के साथ जोड़ा जाएगा। सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन पर स्थित नोएडा सिटी सेंटर को नोएडा – ग्रेटर नोएडा कोरिडोर के सेक्टर 71 मेट्रो स्टेशन (कोरिडोर का प्रथम स्टेशन) के साथ सेक्टर 62 कोरिडोर को एक फुट ओवर ब्रिज द्वारा जोड़ा जाएगा।