नई दिल्ली। दुनिया के कई देश फिर से साइबर अटैक का शिकार हुए हैं इस बार रुस और युक्रेन के साथ-साथ पूरा यूरोप निशाने पर है भारत में भी कुछ कंम्पूयटर इस हमले की चपेट में आए हैं विशेषज्ञ इसे वन्नाक्राइ रेनसमवेयर साइबर हमले से भी घातक हमला बता रहे हैं।
हैकरों ने रुसी तेल उत्पादक कंपनी रोसने ट को निशाना बनाया है कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में एक रोसने ट ने हांलाकि उत्पादन और रिफाइनिंग पर कोई असर नहीं पड़ने की बात कही हैं। यूक्रेन में हवाई अड्डों कंपनियों और बैंकों पर भी हमले किए गए डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन स्थित जहाजरानी कंपनी एपी मोलर मएसर्क इससे प्रभावित हुई है।
साइबर हमलावरों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मली हैं मास्को स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी ग्रुप आईब्री ने रुस और यूक्रेन पर पूरे समन्वय के साथ हमला करने का अंदेशा जताया है रोसने ट ने ट्विटर पर बयान जारी कर दैनिक कामकाज के प्रभावित होने से इन्कार किया है हांलाकि कंपनी की वेबसाइट तकरीबन एक घंटे तक ऑफलाइन रही।
इस हमले की तस्वीर ट्विटर पोस्ट की गई है यूक्रेन में इस हमले का खासा असर पड़ा है बोरिसपाइल हवाई अड्डे के निदेशक येवहेन दाय दियान ने साइबर हमले के चलते कुछ लाइट में देरी होने की आशंका जताई है यूक्रेन के उप मुख्यमंत्री पाव्लो रोजेंको ने सरकारी कंप्यूटर के हैक होने की पुष्टि करते हुए ट्विटर पर तस्वीर साझा की है यूक्रेन का सेंट्रल बोंक भी साइबर हमले की चपेट में आया है इसके चलते कई और बैंक भी प्रभावित हुए है फ्रांस में भी कई बड़ी कंपनिया इस साइबर हमले का निशाना बन रही हैं।
समुद्र परिवहन कंपनी मयक्रस विज्ञापन कंपनी डब्लूपीपी और सेंट गोबेन प्रमुख है भारत में देश के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट जेएनपीटी के तीन टर्मिनलों में से एक का कामकाज भी इससे प्रभावित होता है इस टर्मिनल का संचालन एपी मोलर मयक्रस नामक वैश्विक कंपनी करती है जेएनपीटी के अधिकारी ने इस बात को बताया है कि कुछ समय पहले वन्नाकाइ नामक रेनसमवेयर ने दुनिया के खई देसों के कंप्यूटरों को निशाना बनाया था जिसकी वजह से कई कंपनियों बैंको और अस्पतालों का कामकाज प्रभावित हुआ था।