सहारनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि देश बदल रहा है लेकिन कुछ लोगों का दिमाग नहीं बदल रहा है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद अपने काम का हिसाब देने आया हूं। प्रधान सेवक के रूप में देशवासियों की सेवा करने का निरंतर प्रयास करता रहा हूं। केंद्र में सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर सहारपुर में ‘विकास रैली‘ को सम्बोधित करते हुये यह बातें कहीं। मोदी ने कहा , ‘‘सरकारें आती हैं और जाती हैं। चुनाव होते हैं। सरकार बनती है, जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिये। दो वर्षों के दौरान देश ने भली भांति केंद्र सरकार के काम को देखा है और परखा है। संसद में जब एनडीए के सभी सांसदों ने नेता के रूप में चुना था तभी मैंने कहा था कि यह सरकार देश के गरीबों को समर्पित है।‘‘
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान उन कामों को हाथों में लिया है जो गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत दें। कोई मां-बाप नहीं चाहता है कि उसकी संतानों को विरासत में गरीबी मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की हमेशा ही कोशिश रही है कि राज्यों को हमेशा ताकतवर बनाया जाये। सरकारें जनता की भलाई के लिये काम करें। पहले 65 प्रतिशत धन केंद्र के पास और 35 प्रतिशत धन राज्यों के पास होता था। उन्होंने कहा कि हमने सबसे पहले यही काम किया है कि अब केंद्र सरकार के पास केवल 35 प्रतिशत पैसा रहेगा, जबकि 65 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को मिलेगा। यह ऐतिहासिक फैसला था। इससे राज्य को मजबूती मिली है।
मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को 2 लाख करोड़ रूपया देने का योजना बनायी है। केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष कहीं 80 लाख कहीं एक करोड़ रूपये की धनराशि ग्राम पंचायतों में पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य मकसद गावों का विकास करना है। सरकार ने उन योजनाओं को हाथ लगाया है जिससे गरीबों के जीवन में बदलाव आयेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब 14 हजार करोड़ रूपये गन्ना किसानों का बकाया था। इसकी चिंता किसी को नहीं थी। गन्ना किसानों को ताकत देने के लिये पिछली सरकारों ने कभी चिंता नहीं की।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की ताकि किसानों के गन्ना के भुगतान का पैसा मिले। उन्होंने कहा कि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से इसका इसका भुगतान कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दो गुना करने का संकल्प लिया है। यह सिर्फ जुमला नहीं है। हमने पहला काम हाथ में लिया है। वैज्ञानिक तरीके से जमीनों का रख रखाव जरूरी है। मोदी ने कहा कि जिन राज्यों में पानी का संकट है, वहां के मुख्यमंत्रियों से बात की है। उन्होंने आग्रह किया कि इस वर्ष बरसात में अधिक से अधिक पानी की बचत की जाये। इससे प्राकृतिक आपदा से निपटने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले आधी फसल खराब होती थी तो उसे मुआवजा मिलने का हकदार माना जाता था। अब किसान के खेत में यदि एक तिहाई नुकसान हुआ तो किसानों को मुआवजा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खेत से फसल काटकर रखी हो लेकिन यदि ऐसी समय प्राकृतिक आपदा आ गयी उस स्थिति में भी उसको बीमा योजना का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दो वर्ष पहले की स्थिति काफी भयावह थी। आये दिन भ्रष्टाचार की खबरें आती थी। बड़े— बड़े लोग इसमें लिप्त पाये जाते थे। क्या कुर्सी पर जनता का पैसा लूटने के लिये ही बैठाया जाता है।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष के बाद क्या आपने कभी सुना है कि मोदी सरकार ने पैसा खाया है। क्या विरोधियों ने कभी इस तरह का मुददा उठाया है। लाखों लोगों के बीच खड़ा होकर अपना हिसाब देने की हिम्मत किसी में नहीं थी। उज्जवला योजना का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या गरीबों को लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते हुये जिंदगी गुजारनी पड़ेगी। देशवासियों से ही काम करने की प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा कि देश के एक करोड़ से अधिक परिवारों ने रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दिया है। पिछले वर्ष ही 3 करोड़ लोगों को गैस का कनेक्शन दे दिया गया है और आने वाले समय में पांच करोड़ लोगों को दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इतना बड़ा निर्णय पिछले 50 वर्षों में किसी भी सरकार ने नहीं लिया है।