लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने नाराजगी व्यक्त की है कि प्रदेश सरकार की ओर से मरीजों के इलाज में जबरदस्त लापरवाही बरती जा रही है।
इतना ही नहीं कालोनियों और कार्यालयों में सैनिटाइजेशन नहीं हो रहा है। संक्रमित कर्मचारियों की देखभाल तो दूर किट भी नहीं मिल रही है। कोविड-19 की जांच रिपोर्ट कई दिन बाद भेजी जा रही है। कर्मचारी एवं उनका परिवार स्वंय दवाएं खरीद कर इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना से ग्रसित कई कर्मचारियों को भर्ती के लिए बेड व वेंटिलेटर तक नहीं मिल रहा है। जिसके कारण उनकी मौत हो गई। कुछ ऐसे कर्मचारियों की मृत्यु हुई है जिन्हें एनपीएस के कारण पेंशन आदि की सुविधा भी उनके परिवार को नहीं मिलेगी। ऐसे परिवार की रोटी कैसे चलेगी।
उन्होंने कहा कि इस संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वयं विचार करें। पुरानी पेंशन की बहाली के लिए मोर्चा द्वारा दबाव बनाया गया लेकिन इसको भी नजरअंदाज किया गया। अब कोविड-19 बीमारी समाप्त होने पर प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। जिसका उत्तरदायित्व सरकार का होगा।
वीपी मिश्र ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि कोविड-19 बीमारी से संक्रमित कर्मचारियों की देखभाल नहीं होगी, मृत्यु पर 50 लाख रुपए का भुगतान तथा ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन एवं समस्त सेवकों का भुगतान नहीं करेगी तो मोर्चा को काम ठप करने का निर्णय लेना पड़ेगा। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा।
उन्होंने कहा कि खेद का विषय है कि मुख्यमंत्री सभी दुखी परिवार को आर्थिक सहायता दिल खोल कर देते हैं, परंतु दुखी कर्मचारियों की पीड़ा को सुनने एवं मदद करने के लिए उनके पास समय नहीं है। जबकि प्रदेश का कर्मचारी खतरा मोल लेकर जनता की सेवाएं कर रहे हैं। कर्मचारियों की पीड़ा एवं अन्याय सरकार को नुकसानदेह साबित होगी।