लखनऊ: विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाई जा रही होम्योपैथी के आविष्कारक डॉ हैनिमैन की जयंती पर राजधानी में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
सुबह गोमती नगर के हैनिमैन चौराहे पर और होम्योपैथिक कॉलेज में स्थिति डॉक्टर हैनिमैन की प्रतिमा पर राजधानी के चिंकित्सकों, शिक्षकों और छात्रों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. हैनिमैन को दी गई पुष्पांजलि
माल्यार्पण करने वालों में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरूद्व वर्मा, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी दर्ज एस एस यादव, डॉ. आशीष वर्मा, डॉ. अरुण प्रकाश, डॉ. अमित सिंह, डॉ. अभय सिंह आदि प्रमुख थे।
उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड में स्थापित डॉ. हैनिमैन की प्रतिमा पर डॉ. अनुरूद्व वर्मा, डॉ. संगीता भाटिया सहित पीजी छात्रों, बोर्ड के कर्मचारियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
जगह-जगह हुआ संगोष्ठी का आयोजन
इस अवसर पर होम्योपैथिक साइन्स कांग्रेस सोसाइटी के तत्त्वाधान में होम्योपैथिक संगोष्ठी का आयोजन अग्रवाल प्लाजा, सी ब्लॉक, इंदिरा नगर स्थितलाइफ लाइन होम्यो क्लीनिक परिसर में किया गया।
प्रारम्भ में चिकित्सकों ने डॉ. हैनिमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
मानवता के लिए वरदान है होम्योपैथी
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरूद्व वर्मा ने कहा कि डॉ. हैनिमैन का आविस्कार होम्योपैथी रोगों से पीड़ित मानवता के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि किफ़ायती, असरकारी, सुरक्षित, बिना तामझाम वाली, सरल होम्योपैथी जनता को समग्र स्वास्थ्य उपलब्ध करा सकती है।
बड़ी बीमारियों में कारगर है होम्योपैथी!
उन्होंने कहा कि होम्योपैथी 80 प्रतिशत स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान का बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है। वहीं देश की आर्थिक, सामाजिक एवँ भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल है।
इसलिये जनता की स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिये इसको बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतने गुणों के बाद भी होम्योपैथी सरकारी उपेक्षा का शिकार है। लेकिन इसके बावजूद भी जनता में होम्योपैथी को लेकर विश्वास बढ़ा है।
होम्योपैथी को मिले बढ़ावा: डॉ. सिंह
डॉ. आरके सिंह ने होम्योपैथी में शोध को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया। डॉ. निशान्त श्रीवास्तव ने कहा कि होम्योपैथी में भविष्य की चिकित्सा पद्धति की सारी संभावनाएं विद्द्मान है। डॉ. यूबी त्रिपाठी ने कहा कि होम्योपैथी जन-जन की पैथी है।
डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि होम्योपैथी जन स्वास्थ्य का बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। डॉ. अरुण प्रकाश ने कहा कि होम्योपैथी को शिक्षा, शोध एवँ विकास की पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अभिषेक वर्मा ने कहा कि लगन औऱ मेहनत से इसका अध्ययन करना चाहिए।