मुंबईः एक तरफ जहां कोरोना के कारण आम लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है तो वहीं दूसरी तरफ देश के अमीर लोगों में आजकल एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। यहां के करोड़पति और अरबपति लोग अब तेजी से विदेशी नागरिकता ले रहे हैं। ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2020 में 5000 भारतीय करोड़पति विदेशों में जाकर बस गए हैं । जो वाक्ये में हैरान करने वाला मामला है।
बेहतर सुविधाओं के लिए जा रहे बाहर
कोरोना की दूसरी लहर ने हमारे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलकर रख दी है। कहीं ना कहीं आज भी हमारा देश कई सुविधाओं से बंछित है और जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। लोगों को कहना है कि वह अपने परिवार को बेहतर व सुरक्षित जीवन देने के लिए बाहर जा रहे हैं. साथ ही, उनका मानना है कि विदेशों से वे अपने फाइनेंशियल को ज्यादा अच्छे तरीके से चला पा रहे हैं।
विदेशों में टैक्स पर भारी छूट
भारत के मुकाबले विदेशों में टैक्स पर भारी छूट है। विदेश में 15 लाख की आय से उपर टैक्स लगता है। इसलिए अमीर भारतीय अपनी इनकम को विदेश की नीतियों में इन्वेस्ट करते हैं ताकि उन्हें ज्याद टैक्स ना देना पड़े। नियमों के मुताबिक, विदेशों में रह रहे भारतीय जिनकी आय 15 लाख से ऊपर है या इससे ज्यादा फिक्स डिपोजिट है, उनको टैक्स देना होगा।
निवेश की दर्ज पर मिलती है नागरिकता
किसी भी दूसरे देश की नागरिकता लेने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप कैसे और कितना निवेश कर रहें हैं। विदेशों नियमों के अनुसार आप इतने करोड़ डॉलर का निवेश करिए और नागरिकता ले लीजिए। यह सभी राशि अलग अलग देश की अलग- अलग होती है।
कैरेबियन देश भारतीय अमीरों की पहली पंसद
ऐसा देखा गया है कि भारतीय अमीरों की पहली पंसद कैरेबियन देश है जो कि सबसे सेफ है। जो हमेशा से अमीरों को लुभाता आया है। लेकिन खासतौर से महामारी में इन देशों में अमीरों को रहना काफी फायदेमंद दिख रहा है।
विदेशों से आसानी में कहीं भी आ जा सकते
आजकल भारतीय उच्च वर्ग विदेशों में जाकर बस रहा है। कोरोना के कारण देश में हर चीज बंद है। ऐसे में काफी हद तक विदेशों में आने जाने में आसानी, टैक्स छूट, ट्रैवल छूट, ज्यादा बिजनेस कर सकते है। जिसके कारण भारतीय अमीर विदेशों की तरफ आकर्षित हो रहें है।