नई दिल्ली। गुजरात में आने वाली 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के पहले पार्टी के विधायकों के टूटने को रोकने के लिए गुजरात कांग्रेस और कांग्रेस की आलाकमान ने अपने विधायकों को अपने शासित राज्य कर्नाटक में अपने पॉवरफुल मंत्री के रिजॉर्ट पर पहुंचा दिया था। इसके बाद आज कांग्रेस के इसी मंत्री और इनके भाई के आवास समेत रिजॉर्ट पर छापे मारी की गई है।
आज तड़के सुबह 7 बजे ईडी ने मंत्री शिवकुमार और उनके भाई और सांसद सुरेश कुमार के आवास और रिजॉर्ट समेत 39 जगहों पर छापे मारी की गई है। इस छापेमारी के पीछे सूत्रों ने बताया है कि उनके दिल्ली के आवास पर 5 करोड़ रूपये नगद मिलने के बाद ये छापेमारी की गई है। इस छापेमारी के बाद कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर बड़ा इल्जाम लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अपने हितों को साधने के लिए सरकारी मिशनरी का गलत उपयोग कर रही है। इस मामले को लेकर कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने ट्वीट भी किया है।
हांलाकि इस मामले को लेकर देश के उच्च सदन राज्यसभा में भी कांग्रेस ने ईडी की इस कार्रवाई को लेकर सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए इस मामले पर सरकार को स्पष्टीकरण देने को कहा है। इस मामले को उठाते हुए कांग्रेसी सांसद उपसभापति के सामने लगातार नारे लगाते हुए बेल तक जा पहुंच सरकार के ऊपर लगातार इस कार्रवाई को लेकर इल्जाम लगाते रहे । कांग्रेस का साफ कहना था कि राज्यसभा चुनाव में सरकार इस तरह की कार्रवाई कर विधायकों पर दबाव बनाकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
लगातार हंगामे तो देखते हुए सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस मामले में सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरूण जेटली ने साफ कहा कि ये कार्रवाई किसी विधायक के खिलाफ नहीं की गई है। बड़ी पहले से मिली शिकायतों और दिल्ली में कर्नाटक सरकार के मंत्री के आवास पर मिली नगदी को लेकर ई़़डी ने की है। सरकार के इस जबाव को लेकर कांग्रेस सांसदो ने असंतुष्टी जताते हुए सरकार के खिलाफ लगातार नारे लगाये।