नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर कर पी चिदंबरम ने त्वरित सुनवाई की मांग की है। पी चिदंबरम की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मामले को सूचीबद्ध करने के संबंध में फैसला लेने के लिए पी चिदंबरम की याचिका प्रधान न्यायाधीश के पास भेजी जाएगी।
दरअसल, चिदंबरम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ के सामने तत्काल सूचीबद्ध किए जाने के लिए मामले का उल्लेख किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्णा मुरारी भी इस पीठ में शामिल हैं।
पीठ ने कहा कि मामला सूचीबद्ध करने के संबंध में फैसला लेने के लिए चिदंबरम की याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेजी जाएगी। कांग्रेस नेता इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। चिदंबरम ने मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
गौरतलब है कि चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी हैं और इन दिनों तिहाड़ जेल में बंद हैं। चिदंबरम को 21 अगस्त को उनके जोर बाग स्थित आवास से सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 3 अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
सीबीआई ने यह कहते हुए चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था कि यह एक गंभीर अपराध है और चिदंबरम को इस बात का अहसास है कि उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है। ऐसे में चिदंबरम भागने की कोशिश कर सकते हैं।
जांच एजेंसी की तरफ वकीलों की टीम ने कोर्ट में दलीलें दीं। इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर वकील अमित महाजन भी शामिल थे। इन वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि चिदंबरम के पास विदेश में बसने के संसाधन हैं। ऐसे में जब तक उनका ट्रायल पूरा नहीं होता तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाना चाहिए।