30 जून आधी रात से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) देश में लागू होने वाला है। जीएसटी लागू होने से पहले ही राजनीति पंडित इस पर अपनी रोटियां सेकने में लगी हुई है। जीएसटी लागू होने से पहले टीएसमी और डीएमके ने इसका बॉयकाट करने का फैसला लिया है। वही इन नामों की श्रेणी में अब कांग्रेस का नाम भी जुड़ सकता है। गुरुवार को कांग्रेस फैसला ले सकती है कि 30 जून को होने वाले जीएसटी के इवेंट में वह हिस्सा नहीं लेने वाली है। सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि जिन पार्टियों ने इसका बॉयकाट करने का फैसला लिया है उनका यह मानना है कि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी इसका बॉयकाट करने का फैसला लेना चाहिए। वही अब गुरूवार को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह तय किया है कि वह 30 जून को होने वाले कार्यक्रम में भाग नहीं लेगी।
वही पूर्व मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की जिसके बाद यह फैसला किया गया है कि कांग्रेस अब जीएसटी के आधी रात को होने वाले इवेंट में भाग नहीं लेगी। जीएसटी को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया की वह इस इवेंट का बॉयकाट करने वाली है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश के हालातों के बारे में पीएम मोदी चिंता जताने में लगे हुए हैं लेकिन सिर्फ चिंता जताने से कुछ नहीं होने वाला है। गुलाम नबी आजाद का कहना है कि सिर्फ चिंता जताने से कुछ नहीं होने वाला है, सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वही आजाद ने सरकार पर दिखावा करने का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ डीएनके ने भी बीजेपी को अपने निशाने पर लिया है। उसका कहना है कि बीजेपी सरकार दिखावटी ड्रामा करने में लगी हुई है। डीएमके सांसद टीकेएस एलनगोवाना का कहना है कि पार्टी मानती है कि सरकार इसके जीएसटी को लेकर दिखावटी ड्रामा करने में लगी हुई है। आपको बता दें कि इस मामले में विचार विमर्श करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मनमोहन सिंह से मिलने मिली हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद ही अंतिम फैसला लिया गया है कि कांग्रेस इस इवेंट में शामिल नहीं होगी। दूसरी तरफ पार्टी के दूसरे नेताओं का भी यही मानना है कि कांग्रेस को इस इवेंट का बॉयकाट करना चाहिए। पार्टी के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को व्यापारियों की भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए इस इवेंट का बॉयकाट करना चाहिए। नेताओं का मानना है कि दूसरी पार्टियों की तरह कांग्रेस को भी इस इवेंट में शामिल नहीं होना चाहिए। गुरुवार को कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया गया है कि काग्रेस इस इवेंट का हिस्सा नहीं बनेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि इस इवेंट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है। इस इवेंट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंच साझा करने वाले थे। हालांकि अब गुरूवार को होने वाले इस इवेंट में कांग्रेस शामिल नहीं होगी।