नई दिल्ली : व्यापम और ई-टेंडरिंग घोटाले के बाद अब कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर 1200 करोड़ का खनन घोटाला करने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने इसके लिए सीबीआई जांच और सीएम शिवराज सिंह तथा खनन मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा, ‘भाजपा सरकार में भाजपा नेताओं के संरक्षण में पूरे प्रदेश में खनन माफियाओं ने दबंगई से रेत का अवैध उत्खनन किया है। रेत के अवैध खनन से राज्य के राजस्व को हानि पहुंची है और सरकार ने रेत माफियाओं और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया है।’
सरकार ने ठेकेदारों को दीं सुविधाएं
शोभा ने कहा कि खनिज विभाग ने साल 2016 में ई-नीलामी के जरिए खदानें साल 2020 तक आवंटित कीं और सालाना रेट का 25 प्रतिशत सुरक्षा राशि के तौर पर जमा कराया गया। इसमें शर्तों के अनुसार सालाना ऑफर मूल्य को 12 किश्तों में बांटकर उसके 12 पोस्ट डेटेड चेक ठेकेदारों से जमा कराकर उनसे मासिक कार्य योजना लेनी थी। लेकिन, इसमें किश्तों को बराबर बांटने की बजाय, सरकार ने ठेकेदारों को अपनी सुविधानुसार किश्तें निर्धारित करने की सुविधा दी।
कम रॉयल्टी देकर ठेकेदारों ने किया अवैध खनन
शोभा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘फायदा उठाते हुए ठेकेदारों ने कम रॉयल्टी देकर ज्यादा से ज्यादा अवैध खनन किया, जिसके चलते हर महीने कम से कम मासिक किश्तें चुकाते हुए ठेकेदारों ने ज्यादा से ज्यादा रेत बेचा और मई 2017 तक यह सिलसिला लगातार जारी रहा। ठेका अवधि के एक साल पूरा होने से पहले ही खनिज विभाग ने ठेकेदारों का खदान से उत्खनन कार्य निलंबित करने का आदेश जारी किया।
कांग्रेस की मांग, मामले की हो CBI जांच
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस घोटाले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और खनिज मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
भाजपा ने कांग्रेस के आरोप को बताया ‘नौटंकी
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस के इस आरोप को राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। उन्होंने कहा कि ‘अगर यह घोटाला एक साल पहले हुआ तो कांग्रेस को जांच एजेंसी और अदालत में शिकायत कर जांच करानी चाहिए थी। अब तक वह चुप क्यों बैठे रहे’। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।