नई दिल्ली : बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के ऐलान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि, बसपा के साथ गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की उम्मीद बरकरार है। दोनों दलों के बीच बातचीत जारी है। कमलनाथ ने कहा बहुजन समाज पार्टी ज्यादा सीटें मांग रही थी जो स्वीकार्य नहीं था।
राजनीति में सब कुछ संभव है
कमलनाथ ने कहा कि, ‘मायावती जी का अपना स्टैंड है और हमारा अपना। वह भी चाहती हैं कि भाजपा को हराया जाए लेकिन जितनी सीटें वह मांग रही थीं, उतनी सीटें देना हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं था। ‘बसपा के साथ गठबंधन के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ‘राजनीति में सब कुछ संभव है।’
कांग्रेस से गठबंधन से इंकार
बता दें कि मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन से इंकार किया है। बीएसपी छत्तीसगढ़ में पहले ही अजित जोगी की पार्टी से गठबंधन कर चुकी है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मायावती पर पीएम मोदी औरर अमित शाह का दवाब है। उन्होंने मायावती और चंद्रशेखर की तुलना करते हुए भीम आर्मी संस्थापक को अधिक मजबूत बताया।
रणदीप सुरजेवाला ने किया था पलटवार
मायावती के बयान के बाद कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने बयान दिया और कहा कि अगर सलवटें हैं तो हम उनको ठीक कर लेंगे। वहीं इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा,”मुझे पता है मायावती दबाव में कुछ नहीं करतीं।” उन्होंने कांग्रेस से बड़ा दिल दिखाने की अपील की है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया।