जेडीयू प्रवक्ताओं ने एक बार फिर सीट बंटवारे को लेकर जुबानी तीर चलाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने बड़े ही साफ शब्दों में कहा कि बिना नीतीश कुमार के एनडीए बिहार में कुछ भी नहीं है। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह के बयान पर बीजेपी नेता ने कहा कि अभी बहुत वक्त है। एक साल पहले कोई बात नहीं होती है।
संजय सिंह ने कहा कि हो रही है बयानबाजी निश्चित तौर पर एनडीए के गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश है
मिली जानकारी मुताबिक संजय सिंह ने कहा कि हो रही है बयानबाजी निश्चित तौर पर एनडीए के गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश है। लगातार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से हमला बोला जा रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार केवल चेहरा थोड़ी हैं। मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बोलना चाहता हूं कि दो बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने चुनाव लड़ा उसका परिणाम देख चुके हैं। एक बार नीतीश कुमार के बिना भी बिहार चुनाव लड़ चुके हैं उसका भी परिणाम देख चुके हैं।
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नीतीश कुमार जी बड़े भाई के रूप में हैं तो निश्चित तौर पर हम ज्यादा सीट पर लड़ेंगे
संजय ने कहा हम बोल रहे नीतीश कुमार जी बड़े भाई के रूप में हैं तो निश्चित तौर पर हम ज्यादा सीट पर लड़ेंगे। हालंकि संजय सिंह ने माना कि 2014 में हार हुई थी। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के जो नेता सुर्खियों में आना चाहते हैं। उन्हें नियंत्रण में रखा जाना चाहिए। अगर बीजेपी को सहयोगियों की जरूरत नहीं है तो वह बिहार में सभी 40 सीटों पर लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
सबसे ज्यादा सीटों पर जनता दाल यूनाइटेड ही चुनाव लड़ेगी
जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने फॉर्मूला बताते हुए कहा, हमारा मानना है कि 2009 और 2010 में जो भी परिस्थितियां थीं उसमें बस एक ही फर्क है कि एनडीए में दो दल और जुड़े। वैसा फॉर्मूला अब नहीं होगा लेकिन यह तय है कि सबसे ज्यादा सीटों पर जनता दाल यूनाइटेड ही चुनाव लड़ेगी।
मंत्री नन्दकिशोर यादव ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि अभी बहुत वक्त है
बीजेपी की तरफ से मंत्री नन्दकिशोर यादव ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि अभी बहुत वक्त है। एक साल पहले कोई बात नहीं होती।वहीं बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने बेवक्त शहनाई बजाने की बात कर जेडीयू प्रवक्ताओं को झिड़की देते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा नीतीश कुमार समेत कई और भी चेहरे हैं।
जेडीयू 40 में से 25 सीटें मांग रही है
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। जेडीयू को इसका खमियाजा भुगतना पड़ा था। और कुल 40 सीटों में से मात्र दो सीटों पर सिमट गई थी। जेडीयू 40 में से 25 सीटें मांग रही है। ऐसा होना संभव नहीं है।
बीजेपी के साथ रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी भी है
बता दें कि बीजेपी के साथ रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी भी है। एलजेपी ने पिछले चुनाव में 6 और आरएलएसपी ने 3 सीटों पर जीती थी। वहीं बीजेपी ने 22 सीटों पर अपना कब्जा किया था।
महेश कुमार यदुवंशी