featured दुनिया

मुद्रा को लेकर बढ़ी पाकिस्तान की मुसिबत, पाकिस्तानी रूपया भारतीय अठन्नी के बराबर

pakistani cerency मुद्रा को लेकर बढ़ी पाकिस्तान की मुसिबत, पाकिस्तानी रूपया भारतीय अठन्नी के बराबर

नई दिल्ली। पाकिस्तान की मुद्रा रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते गुरूवार को एक अमरीकी डॉलर की क़ीमत 118.7 पाकिस्तानी रुपये हो गई। बीते सोमवार को डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपये में 3.8 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। अगर डॉलर की कसौटी पर भारत से पाकिस्तानी रुपये की तुलना करें तो भारत की अठन्नी पाकिस्तान के लगभग एक रुपये के बराबर हो गई है। एक डॉलर अभी लगभग 67 भारतीय रुपये के बराबर है। पाकिस्तान का सेंट्रल बैंक पिछले 7 महीने में तीन बार रुपये का अवमूल्यन कर चुका है, लेकिन इसका असर अभी तक नहीं दिख रहा। पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक भुगतान संतुलन के संकट से बचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसका भी कोई असर होता नहीं दिख रहा।

 

pakistani cerency मुद्रा को लेकर बढ़ी पाकिस्तान की मुसिबत, पाकिस्तानी रूपया भारतीय अठन्नी के बराबर

 

बता दें कि ईद से पहले पाकिस्तान की माली हालत आम लोगों को निराश करने वाली है। पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और चुनाव से पहले कमज़ोर आर्थिक स्थिति को भविष्य के लिए गंभीर चिंता की तरह देखा जा रहा है। रुपये में भारी गिरावट से साफ़ है कि क़रीब 300 अरब डॉलर की पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट का सामना कर रही है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में हो रही लगातार कमी और चालू खाते में घाटे का बना रहना पाकिस्तान के लिए ख़तरे की घंटी है और उसे एक बार फिर इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फ़ंड यानी अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष के पास जाना पड़ सकता है। पाकिस्तान अगर आईएमएफ़ के पास जाता है तो यह पिछले 5 सालों में दूसरी बार होगा। इससे पहले पाकिस्तान साल 2013 में आईएमएफ़ जा चुका है।

वहीं रुपये में जारी गिरावट पर द स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान ने कहा है, ”यह बाज़ार में जारी उठा-पटक का नतीज़ा है। हालात पर हम लोगों की नज़र बनी हुई है। पाकिस्तान में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक अर्थशास्त्री अशफ़ाक़ हसन ख़ान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि अभी पाकिस्तान में अंतरिम सरकार है और चुनाव के वक़्त में वो आईएमएफ़ जाने पर मजबूर हो सकती है। ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान की अंतरिम सरकार को नीतिगत स्तर पर फ़ैसला लेने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इसके तहत निर्यात बढ़ाना होगा और आयात को कम करना होगा, लेकिन यहाँ की कार्यवाहक सरकार पर्याप्त क़दम उठा नहीं रही है।

साथ ही ख़ान ने कहा कि अगर हम लोग को लगता है कि केवल रुपये के अवमूल्यन से भुगतान संकट में असंतुलन को ख़त्म किया जा सकता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। निवर्तमान सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) इस बात का प्रचार कर रही है कि अगर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है तो उसे फिर से सत्ता में लाना होगा। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार इस स्तर तक कम हो गया है कि वो सिर्फ़ दो महीने के आयात में ख़त्म हो जाएगा।

Related posts

रामपुर: अवैध संबंध के शक में पति ने किया कुछ ऐसा, जानकर कांप जाएगी आपकी रूह 

Shailendra Singh

‘शूटर दादी’ के नाम पर होगा नोएडा का शूटिंग रेंज, दुनिया की सबसे बुजुर्ग निशानेबाज थीं चंद्रो देवी

Shailendra Singh

बिहार: बिना बैंड बाजे के होगी सुशील कुमार मोदी के बेटे की शादी

Rani Naqvi