बुधवार को 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल प्रसाद पुरोहित बुधवार को बाहर आ गए हैं। सोमवार को कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को जमानत मिली थी। वह 9 साल तक इस मामले में जेल के अंदर रहे हैं। वह सेना की गाड़ी से जेल से रवाना हुए। जेल से वह रिहा हो गए हैं लेकिन अभी कुछ वक्त तक उनकी गतिविधियों पर सेना की नजर रहेगी। सोमवार को जमानत मिलने के बाद मंगलवार को उनकी रिहाई होनी थी लेकिन कागजी कार्रवाई के कारण उन्हें बुधवार को रिहा किया गया। उन्होंने जेल से बाहर निकलते वक्त मीडिया के सामने जय हिंद भी कहा।
29 सितंबर साल 2008 में ब्लास्ट के बाद जांच के दौरान खबर सामने आई थी कि इसमें हिंदू राइट विंग ग्रुप का हाथ है, ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा था कि क्योंकि यह ब्लास्ट उस रमजान के वक्त में हुआ था जब मुस्लिम लोग नमाज पढ़ने के लिए जा रहे थे। यह ब्लास्ट महाराष्ट्र के मालेगांव में हुआ था। इस ब्लास्ट में करीब 7 लोगों की जान चली गई थी और काफी मात्रा में लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामले की जांच के बाद इसमें साध्वी प्रज्ञा, राजपुरोहित समेत 12 लोगों का नाम सामने आने के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा है कि वह 9 साल तक जेल में रहे हैं, इसके लिए वह किसी और को नहीं बलकि किस्मत को दोष देते हैं। उन्होंने कहा है कि इस केस से वह परेशान नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा है कि वह इस केस से जुड़े हुए नहीं थे, अगर ऐसा होता तो उनकी पत्नी तथा मां ने उन्हें छोड़ दिया होता। बता दें कि आर्मी की गाड़ी पुरोहित को जेल से लेने के लिए आई थी। जिसमें सवार होकर वह गए। जानकारी के अनुसार वह सबसे पहले अपने पुणे वाले घर में जाएंगे।
वही कोर्ट में पेशी के बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था कि आर्मी ने कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ा, वह उनके साथ हमेशा खड़ी रही। उन्होंने बताया कि यह आर्मी कभी भी अपने साथियों का साथ नहीं छोड़ती है। पुरोहित ने कहा है कि उन्हें कभी भी आर्मी से बाहर होने का अहसास नहीं हुआ है। उन्होंने अपनी यूनिफार्म को फिर से पहनने की बात कही है। यूनिफार्म पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि उनकी वर्दी उनके शरीर की त्वचा की तरह है जिसे वह फिर से वापस पाना चाहते हैं।