देहरादून। उत्तरांचल विश्वविद्यालय और उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड (UBB) के लॉ कॉलेज देहरादून संकाय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौते पर विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी और यूबीबी के सदस्य सचिव सरगम सिंह रासली द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद, कार्य जैव विविधता अधिनियम, 2002 के अनुसार उत्तराखंड सहित पूरे देश के लिए डिजाइनिंग पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेगा, जैव विविधता से संबंधित जागरूकता पैदा करने के लिए कार्रवाई का कार्यक्रम तैयार करना और जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं में कानून के छात्रों को प्रशिक्षित करना। पौधों और जानवरों की तरह ध्वनिहीन की आवाज़ बनें।
कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश बहुगुणा ने कहा कि एमओयू एक मील का पत्थर साबित होगा। कॉलेज के छात्र इस संयुक्त परियोजना में काम करने के दौरान कानूनी पेशे में नए अवसरों की खोज करेंगे।
यूबीबी के अध्यक्ष धनंजय मोहन ने अपने संबोधन में कहा कि हाल के दिनों में लोगों और सरकार की जागरूकता और चेतना जैव विविधता को लेकर काफी बढ़ी है, लेकिन इसने इस विशेष क्षेत्र में कानूनी विशेषज्ञों की कमी को भी उजागर किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एमओयू के तहत विशेष पाठ्यक्रम और इंटर्नशिप कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो अंततः कानून के छात्रों और कानूनी विशेषज्ञों को जैव विविधता में तैयार करेंगे।