आज यानि वीरवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन इस बार के सूर्य ग्रहण के साथ शनि जयंती का भी संयोग बन रहा है।
हैरानी की बात तो यह है कि यह संयोग लगभग 148 सालों बाद बनने जा रहा है। भारत की बात करें तो आज का सूर्य ग्रहण केवल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में ही दिखाई देगा। ये दोपहर 1.42 बजे शुरू होकर शाम 6.41 बजे खत्म हो जाएगा।
शनि जयंती पर ग्रहण का योग
भारत देश शुरू से धर्मिक देश रहा है। यहां हर धर्म को समान महत्व दिया जाता है। यह ग्रहण वट सावित्री व्रत, शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन लग रहा है। इसका अर्थ है कि धार्मिक तौर पर इस दिन चार बड़ी चीजें हो रही हैं। हालांकि भारत में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए ही इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बन रहा है। अब से पहले इस तरह का संयोग 26 मई 1873 को हुआ था। हालांकि इस सूर्य ग्रहण में सूतक नहीं मान्य हैं।
आपको बता दें कि रिंग ऑफ फायर का नजारा उस वक्त दिखाई देता है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूरज के आगे आकर उसकी रोशनी को ढक लेता है। इसके बाद जब धीरे-धीरे सूरज उसके पीछे से निकलता है तो उससे निकलने वाली चमक किसी हीरे की अंगूठी की तरह दिखाई देती है। इसको ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं।
गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण उस वक्त होता है जब धरती और सूरज के बीच में चंद्रमा आ जाता है और ये तीनों एक ही सीध में होते हैं।