मथुरा: वृन्दावन कुम्भ मेला स्थित ब्राह्मण सेवा संघ शिविर में विराजमान ठाकुर श्रीबाँके बिहारीजी महाराज का छप्पन भोग लगा कर भक्तों ने अपनी श्रद्धा निवेदित की। वहीं रसिक जनों ने पद गायन कर सखी सम्प्रदाय की परंपरा का निर्वाह किया।
सेवा में लगे आचार्य गोस्वामी आनन्दवल्लभ जी ने बताया कि कुम्भ की अवधि में श्रीबिहारी जी महाराज के वर्ष भर के सम्पूर्ण उत्सवों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इसके अंतर्गत अक्षय तृतीया के चरण दर्शन उत्सव, हरियाली तीज का झूला उत्सव, शरद पूर्णिमा उत्सव, दीपावली उत्सव आदि प्रमुख हैं।
इन दिनों वृंदावन कुंभ मेला में श्रद्धालु ठाकुर जी के दरबार में पूजन भजन कर रहे हैं। साधु संतों के बीच मन की शुद्धता और पवित्रता का अलग महत्व होता है। अपने को वृंदावन में पाकर भक्त काफी खुशी महसूस कर रहे हैं।
प्रातःकालीन सत्र में आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान भक्ति यज्ञ में भक्ति की गंगा बह रही है। व्यास आसान से पंडित सुरेशचंद्र शास्त्री ने कहा कि जो ईश्वर के प्रति समर्पित हो, सच्चे ह्रदय से उन्हें याद करता हो परमात्मा उसकी प्रार्थना अवश्य स्वीकार करते हैं। प्रभु आराधना के लिए आयु अथवा अवस्था का कोई बंधन नहीं होता।
उन्होंने भक्त धुर्व के चरित्र का भी वर्णन किया, जिनका बखान आज सारी दुनिया करती है। इस अवसर पर पुरणाचार्य मनोज मोहन शास्त्री, विपिन बापू व्यास, पंडित चंद्रलाल शर्मा, सत्यभान शर्मा, नीरज गोड़, आनंद दुवेदी, चंद्रप्रकाश दुवेदी, पंडित जगदीश नीलम आदि अनेक भक्त उपस्थित थे।
प्रेम नारायण विच्छल एवं आशीष विच्छल ने आरती उतारी। मुख्य सेवा अधिकारी राहुल गोस्वामी ने बताया कि सभी भक्त ईश्वर के धाम में इन दिनों रमे हुए हैं। कुंभ के विशाल आयोजन में सेवा संघ शिविर लगातार संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है। आस्था का यह देश की संस्कृति और एकता को और मजबूत बनाता है।