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कोयला घोटाला: कंपनी निदेशक को सरकारी गवाह बनने की अनुमति

Coal Scam कोयला घोटाला: कंपनी निदेशक को सरकारी गवाह बनने की अनुमति

नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में यहां एक अदालत ने ‘न्यू डेली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक सुरेश सिंघल की सरकारी गवाह बनने की याचिका सोमवार को मंजूर कर ली। इस घोटाले में कथित तौर पर कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल और कई अन्य लोग शामिल हैं।

Coal Scam

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भारत पाराशर ने सिंघल को सरकारी गवाह बनने की अनुमति देते हुए एजेंसी को मामले की आगे की जांच करने को कहा। अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है।

अदालत को ‘जिंदल स्टील’ और ‘गगन स्पॉन्ज’ को झारखंड का अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में अप्रैल में उद्यमी और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल, पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दासारि नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य के खिलाफ प्रथमदृष्ट्या सबूत मिले थे।

हालांकि जिंदल, राव, कोड़ा और अन्य ने आरोपों से इंकार किया है और मामले में बरी किए जाने की मांग की है।

सीबीआई ने अप्रैल 2015 में सिंघल के अलावा जिंदल, कोड़ा, राव और पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, जिंदल रियल्टी के निदेशक राजीव जैन, गगन स्पॉन्ज के निदेशकों -गिरीश कुमार जुनेजा और आर.के. सरफ-, सौभाग्य मीडिया के प्रबंध निदेशक के.रामकृष्णन और चार्टर्ड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए थे।

आरोपपत्र में पांच अन्य निजी कंपनियों के नाम भी शामिल किए गए थे, जिनमें से चार दिल्ली की और एक हैदराबाद की कंपनी है। इन कंपनियों में जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, गगन स्पॉन्ज आयरन प्राइवेट लिमिटेड, न्यू डेली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड और सौभाग्य मीडिया लिमिटेड शामिल हैं।

(आईएएनएस)

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