इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग की है, ताकि वहां के लोग खुद यह फैसला ले सकें कि वे भारत के साथ रहना चाहते हैं या पाकिस्तान के साथ आना चाहते हैं। शरीफ ने एक बयान में सुरक्षा बलों द्वारा शुक्रवार को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने पर भी ‘चिंता और गहरा दुख जताया है।’ वानी की हत्या के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसा व्याप्त है।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, शरीफ ने एक बयान में कहा कि “भारतीय बलों द्वारा नागरिकों का नरसंहार और कश्मीर के खिलाफ क्रूर बल का प्रयोग अफसोसजनक है।”
शरीफ ने भारत के ‘अधिकार वाले कश्मीर’ में मानवाधिकारों का सम्मान करने को कहा है।
शरीफ ने कहा कि “निहत्थे कश्मीरियों को बंदूक की नोक पर उनके जायज आत्मनिर्णय के संघर्ष से रोका नहीं जा सकता।” शरीफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय का अधिकार न्यायोचित है।
शरीफ ने भारत से ‘पाकिस्तान या भारत के साथ भावी संबद्धता के लिए लोगों की इच्छा जानने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में जनमत संग्रह’ कराने के अपने वादे को पूरा करने आग्रह किया है।
शरीफ ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को घर में नजरबंद किए जाने पर भी चिंता जताई।
(आईएएनएस)