लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक अंधविश्वास को खत्म करने के लिए नोएडा के दौरे पर आ पर आ रहें। दरअसल हमेशा से ये माना जाता रहा है कि राज्य का जो भी मुख्यमंत्री नोएडा का दौरा करता है वो अगले चुनावों में सत्ता से बेदखल हो जाता है। इसी के चलते न तो कभी अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव नोएडा आए और न ही कभी मायावती। इतना ही नहीं खुद बीजेपी के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह ने भी कभी इस अंधविश्वास को तोड़ने की जहमत नहीं दिखाई, लेकिन अब इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए राज्य के मौजूदा मुखिया योगी आदित्यनाथ नोएडा की यात्रा पर आ रहे हैं।
इसके साथ ही वो ये भी साबित कर देंगे कि वो नई सोच और युवा सोच के नेता हैं। योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा पहुंचेंगे और यहां वो मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। ये मेट्रो नोएडा के बोटेनिकल गार्डन से दिल्ली के कालकाजी तक जाएगी। वहीं दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस नई मेट्रो लाइन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। आपको बता दें कि आखिरी बार यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था, जिसके कुछ दिनों बाद ही जून 1988 में उनके हाथों से सत्ता निकल गई थी। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीम मायावती ने इस अंधविश्वास को तोड़ते हुए नोएडा का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद साल 2012 में उनको विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद से वे दोबारा सत्ता में नहीं आईं, इससे ये अंधविश्वास और मजबूत हो गया था। अखिलेश यादव समेत तमाम मुख्यमंत्री इसी टोटके के डर से नोएडा आने से कतराते रहे हैं। हालांकि इस बार अखिलेश ने वादा किया कि अगर 2017 में उनकी सरकार बनती है, तो वो नोएडा जरूर आएंगे, लेकिन सीएम अपने वादे पर खरे नहीं उतर सके। उन्होंने पांच साल तक सत्ता में रहते हुए एक बार भी नोएडा में कदम नहीं रखा, इसके बावजूद 2017 के विधानसभा चुनाव में वो अपनी सत्ता को बरकरार नहीं रख सके।