अगरतला। लगातार 20 साल तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार के पास खुद का घर तक नहीं है। सत्ता से बेदखल होने के बाद वो अपनी पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी के साथ सीपीएम के दफ्तर में रहने के लिए पहुंच गए हैं क्योंकि इतने सालों में उन्होंने अपने लिए खुद का घर नहीं बनाया है। यहीं नहीं एक विधायक होने के नाते उन्होंने विधायकों के लिए बनाए गए छात्रवास में भी रहने से इनकार कर दिया है। माणिक के पार्टी दफ्तर में रहने को लेकर त्रिपुरा सीपीएम के महासचिव ने बताया कि पार्टी दफ्तर में बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि सीपीएम के ज्यादातर नेता सामान्य जिंदगी जीना ही पसंद करते हैं।
बता दें कि माणिक सरकार ने अपनी पैतृक संपत्ति जिस बहन को दे दी थी वो भी पूर्व में पार्टी दफ्तर में ही रहा करती थीं। सरकार की पत्नी जमीन जायदाद की मालिक हैं लेकिन जमीन एक बिल्डर को सौंपे जाने से मामला विवादों में घिर गया है। वहां निर्माणधीन इमारत का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। वहीं माणिक के पार्टी दफ्तर में रहने की बात सुनने के बाद बीजेपी विधायक और प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने कहा है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में माणिक सरकार अच्छे सरकारी आवास और सभी तरह की सुविधाओं के हकदार हैं।
उन्होंने कहा कि सूबे में विपक्ष के नेता को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा और वे भत्तों के हकदार होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम त्रिपुरा में सरकार चलाने के लिए चुने गए हो सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि एक नए त्रिपुरा के निर्माण के लिए माणिक सरकार ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। बीजेपी कभी भी सरकार के साथ पार्टी को समानता नहीं देती। बता दें कि चुनाव परिणाम के बाद जहां पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर विधायक हॉस्टल में रह रहे हैं तो वहीं तीन पूर्व मंत्री वापस अपने गांव लौट गए हैं ।