हैदराबाद। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की टीडीपी की मांग के चलते बीजेपी के साथ उसके रिश्ते तलख होते जा रहे हैं। जहां एक तरफ मोदी सरकार में शामिल टीडीपी के दो मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं तो वहीं इससे पहले ही आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार में शामिल बीजेपी के दो मंत्रियों ने अपना इस्तीफ सौंप दिया है। दोनों मंत्रियों ने सीएम आवास जाकर अपना इस्तीफा सौंपा। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी मोदी सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं, लेकिन इससे पहले चंद्रबाबू नायडू पीएम मोदी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे।चंद्रबाबू ने अमरावती में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में आंध्र की अनदेखी को लेकर मोदी सरकार से हम नाराज है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने पांच साल पहले आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय कई वादे किए थे, लेकिन एक भी नहीं निभाया गया है। बता दें कि उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। इस अल्टीमेटम के बाद राज्य में कौन आगे-कौन पीछे की लड़ाई शुरू हो गई। सत्तारूढ़ टीडीपी को मजबूरी में इस लड़ाई में कूदना पड़ गया। क्योंकि पहले वह विशेष पैकेज की ही मांग कर रही थी। बाद में वाईएसआर-कांग्रेस के रुख को देख उसने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरू कर दी। यही मजबूरी उसके गले की फांस बनकर मोदी मंत्रिमंडल से अलग होने का कारण बन गई। आंध्र को लेकर चंद्रबाबू को दो नावों की सवारी करनी पड़ रही है। एक तरफ वह विशेष राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करते हुए दिखना चाहते हैं, वहीं केंद्र सरकार से संबंध भी नहीं बिगाड़ना चाहते।