नई दिल्ली। चीन ने संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादियों की सूची में पाकिस्तानी दहशतगर्द जैश-ए-मौहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर को शामिल करने के फैसले को समर्थन देने से मना कर दिया है। चीन ने बीते मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत के अनुरोध पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उसने कहा कि वह ‘मामले के गुण दोष’ के आधार पर मुद्दे पर निर्णय करेगा। नई दिल्ली में हुई भारत चीन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर पहली उच्च स्तरीय बैठक में बीते सोमवार को भारत ने चीन से संयुक्त राष्ट्र में अज़हर को वैश्चिक आतंकी के तौर पर नामित करने के लिए लंबित पड़े अनुरोध का समर्थन करने को कहा था। इस बैठक की सह अध्यक्षता गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन के स्टेट काउंसलर और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी ने की।
चीन स्थायी सदस्य है और इसके पास वीटो की ताकत है
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन स्थायी सदस्य है और इसके पास वीटो की ताकत है। चीन ने बार-बार संयुक्त राष्ट्र में अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने की भारत की कोशिश को बाधित किया है। भारत के अनुरोध के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत के ब्यौरे को देखना है। उन्होंने कहा, ‘मसूद (अज़हर) को सूची में शामिल करने के भारत के अनुरोध का संबंध है, हम पहले ही कई बार अपना रुख बता चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद रोधी अभियानों में हिस्सा लेता रहा है
वहीं आतंकवाद रोधी मुद्दे पर, चीन हमेशा से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद रोधी अभियानों में हिस्सा लेता रहा है। हमने हमेशा अपने फैसले मामले के गुण दोष के आधार पर किए हैं।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पक्षों के साथ क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।’ अज़हर भारत में कई घातक हमलों का आरोपी है। इनमें 2016 में कश्मीर के उरी सैन्य शिविर पर हुआ हमला भी शामिल है जिसमें 17 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी।